सुप्रीम कोर्ट में अब होली के बाद 23 मार्च को होगी शाहीन बाग मसले पर सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को शाहीन बाग मसले पर सुनवाई अगले महीने 23 मार्च तक के लिए टाली दी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, अभी सभी पक्षों को संयम बरतना जरूरी है.

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Sunil Mishra
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सुप्रीम कोर्ट में अब होली के बाद 23 मार्च को होगी शाहीन बाग मसले पर सुनवाई

शाहीन बाग पर सुनवाई का अभी उचित माहौल नहीं, अगली सुनवाई 23 मार्च को( Photo Credit : ANI Twitter)

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सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बुधवार को शाहीनबाग मसले (Shaheen Bagh) पर सुनवाई अगले महीने 23 मार्च तक के लिए टाली दी. सुप्रीम कोर्ट ने माना कि अभी शाहीन बाग में जमा प्रर्दशर्नकारियों को हटाने की मांग पर सुनवाई के लिए उपयुक्त समय नहीं है. अभी सभी पक्षों को संयम बरतने की जरूरी है. सरकार और पुलिस की खिंचाई करते हुए कोर्ट ने कहा, सरकार ने ऐसे कदम नहीं उठाए कि पुलिस बिना किसी बाहरी निर्देश की ज़रूरत समझे क़ानून सम्मत एक्शन ले सके. कोर्ट ने कहा, पुलिस ने हिंसा भड़काने के जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई नहीं की. ब्रिटेन का उदाहरण देते हुए कोर्ट ने कहा, पुलिस को कहीं ज़्यादा प्रोफेशनल होने की ज़रूरत है. उनके गैर प्रोफेशनल होने से हालात बिगड़े. कोर्ट ने यह भी कहा कि प्रकाश सिंह केस में दिए दिशा निर्देशों को अमल में लाने की ज़रूरत आ गई है.

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याचिका का दायरा नहीं बढ़ाना चाहते: SC

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, अभी सभी पक्षों को संयम बरतना जरूरी है. बुधवार को सुनवाई शुरू करते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्‍टिस संजय किशन कौल ने कहा, हम ये मानते है कि कुछ दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हुई है, पर हमारे सामने दायर याचिका का दायरा सीमित है. जाफराबाद मामले को भी इसके साथ जोड़ने की गुहार पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हम इस याचिका का दायरा नहीं बढ़ाना चाहते. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हिंसा वाले मसले को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट पहले ही सुनवाई कर रहा है. हाई कोर्ट ने नोटिस भी जारी किया है.

कोर्ट ने कहा, वार्ताकारों की रिपोर्ट में कई किंतु-परंतु

शाहीनबाग मसले पर सुनवाई करते हुए जस्टिस कौल ने कहा, हमने वार्ताकारों की रिपोर्ट को देखा है. इसमे कई किंतु-परन्तु हैं. हम शाहीन बाग में जमा प्रदर्शनकारियों को हटाने की मांग तक ही सुनवाई को सीमित रखेंगे. सुनवाई के दौरान सरकार का पक्ष रख रहे सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, उत्‍तर-पूर्वी दिल्‍ली में हुई हिंसा में एक कांस्टेबल की मौत हो गई, जबकि डीसीपी स्तर के अधिकारी की लिंचिंग हुई है.

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प्रकाश सिंह केस में जारी दिशानिर्देशों पर अमल हो

सुप्रीम कोर्ट के रुख से यह तय हो गया कि दिल्‍ली हिंसा को लेकर वजाहत हबीबुल्‍लाह और चन्द्रशेखर की अर्जी पर शीर्ष कोर्ट सुनवाई नहीं करेगा. जस्टिस जोसेफ ने सुनवाई के दौरान कहा, हमारी एकमात्र निष्ठा संविधान के प्रति है. लोगों की जान जाने से गुस्सा है. अब वक्त आ गया है कि प्रकाश सिंह केस में जारी दिशानिर्देशों को सख्ती से अमल में लाया जाए. पुलिस को और ज़्यादा प्रोफेशनल रुख अपनाने की ज़रूरत है.

Source : Arvind Singh

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