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सुप्रीम कोर्ट को मिले 9 नए जज, चीफ जस्टिस एन वी रमना ने दिलाई शपथ, बने कई रिकॉर्ड

सुप्रीम कोर्ट के 9 जजों ने मंगलवार को एक साथ पद और गोपनीयता की शपथ ली. सीजेआई एनवी ने सभी जजों को शपथ दिलाई. इसके साथ कई रिकॉर्ड भी बने. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में कभी इतने जजों ने एक साथ शपथ नहीं ली है.

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Kuldeep Singh
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Justice B V Nagarathna

जस्टिस बीवी नागरत्ना ने ली शपथ( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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सुप्रीम कोर्ट के 9 जजों ने मंगलवार को एक साथ पद और गोपनीयता की शपथ ली. सीजेआई एनवी ने सभी जजों को शपथ दिलाई. इसके साथ कई रिकॉर्ड भी बने. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में कभी इतने जजों ने एक साथ शपथ नहीं ली है. खास बात यह है कि शपथ लेने वालों जजों में तीन महिलाएं भी शामिल हैं. इनमें से जस्टिस बीवी नागरत्ना एक ऐसी जज हैं जो 2027 के आसपास देश की मुख्य न्यायाधीश बनेंगी. इसके साथ ही शपथ लेने वालों में जस्टिस पीएस नरसिम्हा भी मई 2028 में मुख्य न्यायाधीश बन सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट में आखिरी बार सितंबर 2019 में जजों की नियुक्ति हुई थी. उसके बाद से यहां जज रिटायर होते जा रहे थे, लेकिन नियुक्ति नहीं हो रही थी.

इन जजों ने ली शपथ 
मंगलवार को जिन जजों ने शपथ ली उनमें जस्टिस एएस ओका, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस जेके माहेश्वरी, जस्टिस हिमा कोहली, जस्टिस बीवी नागरत्ना, जस्टिस बेला त्रिवेदी, जस्टिस सीटी रविंद्र कुमार, जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस  पी एस नरसिम्हा शामिल है. जस्टिस बी वी नागरत्ना ने सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर शपथ ली. अगर सब कुछ  सामान्य प्रकिया के तहत रहा तो  जस्टिस बी वी नागरत्ना 24 सितंबर 2027 को देश की चीफ जस्टिस बनेगी. इस पद पर आसीन होने वाली पहली महिला होंगी.

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दरअसल पिछले हफ्ते ही जस्टिस आरएफ नरीमन के रिटायर होने के बाद सुप्रीम कोर्ट में जजों के 9 पद खाली थे.  उनके रिटायर होने के बाद जस्टिस एलएन राव कॉलेजियम में शामिल हो गए थे. सूत्रों के मुताबिक, कॉलेजियम सदस्यों के बीच वैचारिक मतभेद होने की वजह से नामों पर सहमति नहीं बन पा रही थी, जिस वजह से नियुक्तियां अटकी हुई थीं. बुधवार को जस्टिस नवीन सिन्हा भी रिटायर हो गये हैं. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में खाली पड़े जजों के पदों की संख्या 10 हो जाएगी. फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में जजों की तय संख्या चीफ जस्टिस समेत 34 है. अब जस्टिस नवीन सिन्हा के रिटायरमेंट के बाद जजों की संख्या 24 रह जाएगी.

बार से सीधे बने जज बने 
सुप्रीम कोर्ट में वकीलों को सीधे जज बनाने की शक्ति संविधान के अनुच्छेद 124 से आती है. इसके अनुसार वह व्यक्ति सुप्रीम कोर्ट में जज बन सकता है. जो कम से कम पांच साल हाईकोर्ट के जज रहे हों या हाईकोर्ट में कम से कम 10 साल वकालत की हो या राष्ट्रपति की राय में प्रमुख न्यायविद हो, लेकिन सु्प्रीम कोर्ट में अब तक तीसरी श्रेणी के लोगों को जज नहीं बनाया गया है. जो भी वकील सीधे जज बने हैं वह दूसरी श्रेणी यानी वकालत पेशे से ही आते हैं. 

HIGHLIGHTS

  • शपथ लेने वालों में तीन महिला जज भी शामिल
  • जस्टिस पीएस नरसिम्हा मई 2028 में बन सकते हैं CJI
  • सुप्रीम कोर्ट में जजों की तय संख्या चीफ जस्टिस समेत 34 

Source : Arvind Singh

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