Supreme Court : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र में उम्रकैद की सजा में बंद दोषियों की प्री-मेच्योर रिलीज के मामले में नोटिस जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट (SC) ने पूछा है कि प्री-मेच्योर रिलीज के मामले में राज्य की ओर से क्या कदम उठाए गए हैं. साथ ही राज्य सरकारों (Government) से 2 हफ्ते में जवाब मांगा गया है. किस तरह से राज्य प्री-मेच्योर रिलीज मुहैया कराते हैं और किस तरह से प्रक्रिया निभाई जाती है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यूपी में दोषी कैदियों की प्री-मेच्योर रिलीज को लेकर निर्देश दिए हैं. (Supreme Court notice)
चीफ जस्टिस (Supreme Court) ने कहा कि लीगल सर्विस अथॉरिटी प्रति माह हरेक जिले की जेल के सुप्रीटेंडेट से यह सूचना एकत्र करेगा कि कौन से दोषी को प्री-मेच्योर रिलीज का लाभ दिया जा सकता है. कौन से मामले में यह छूट राज्य की ओर से दी जा रही है तथा नीति के तहत पारदर्शी और प्रभावी तरीके से प्री-मेच्योर रिलीज का लाभ दिया जा रहा है. पहली अप्रैल, पहली अगस्त और पहली दिसंबर को इस पर राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण इस पर सालाना बैठक करेगा, जो निगरानी के लिए होगी. (Supreme Court notice)
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यह बैठक राज्य के गृह विभाग के इंचार्ज और डायरेक्टर जनरल जेल के साथ की जाएगी, जिसमें यह देखा जाएगा कि अदालत के आदेश का सही से पालन किया जा रहा है. राज्य सरकार पूरी तरह से कानूनी नियमों के तहत प्री-मेच्योर रिलीज पर अदालत के निर्देशों के तहत कार्य करेगा. इसके साथ ही राज्य प्री-मेच्योर रिलीज पर अंतरिम निर्णय लेगा. तीन महीने में सभी दोषियों के प्री-मेच्योर रिलीज के मामलों का निपटारा किया जाएगा. इसके लिए ऑनलाइन डैशबोर्ड सूचना के लिए तैयार किया जाएगा, ताकी सूचना आसानी से मिल सके कि कौन से दोषी कैदी प्री-मेच्योर रिलीज के योग्य हैं. (Supreme Court notice)