'CAA किसी की नागरिकता नहीं छीनता', Supreme Court 9 अप्रैल को करेगी अगली सुनवाई

नागरिकता संशोधन अधिनियम पर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से नियमों के कार्यान्वयन पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिकाओं पर जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा है.

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Sourabh Dubey
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caa( Photo Credit : social media)

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केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के नियमों के कार्यान्वयन पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिकाओं पर जवाब दाखिल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से समय मांगा है. केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष कहा कि, " सीएए किसी भी व्यक्ति की नागरिकता नहीं छीनता है." सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि, उन्हें उन आवेदनों पर जवाब देने के लिए कुछ समय चाहिए, जिसमें शीर्ष अदालत द्वारा नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं का निपटारा होने तक नियमों पर रोक लगाने की मांग की गई है.

इस पर मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने केंद्र को तीन सप्ताह का समय दिया और कहा कि अदालत इस मामले पर 9 अप्रैल को सुनवाई करेगी.

गौरतलब है कि, शीर्ष अदालत विवादास्पद कानून से जुड़ी 200 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिसे संसद द्वारा मंजूरी दिए जाने के लगभग चार साल बाद 15 मार्च को लागू किया गया है. याचिकाओं में सीएए और नागरिकता संशोधन नियम 2024 के कार्यान्वयन पर रोक लगाने की मांग की गई है.

पिछले हफ्ते, वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष केरल स्थित इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) द्वारा दायर एक याचिका का उल्लेख करते हुए कहा था कि, विवादास्पद कानून को लागू करने का केंद्र का कदम संदिग्ध था क्योंकि लोकसभा चुनाव तेजी से नजदीक आ रहे हैं.

कानून को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि, सीएए धर्म के आधार पर मुसलमानों के खिलाफ भेदभाव करता है. यह भी तर्क दिया गया है कि इस तरह का धार्मिक अलगाव बिना किसी उचित भेदभाव के है और अनुच्छेद 14 के तहत गुणवत्ता के अधिकार का उल्लंघन करता है.

Source : News Nation Bureau

Supreme Court CAA Protest SC hearing on CAA
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