सुप्रीम कोर्ट आजकल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई कर रहा है. इस दौरान एक दिलचस्प वाकया हुआ जब एक क्रिमिनल केस में आरोपी को राहत न मिली तो वकील अपने मुवक्किल को समझाने लगी - "नहीं माना कोर्ट ने. जब वक्त अच्छा नहीं होता तो ये सुनते नहीं."
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दरअसल इस दौरान वकील भूल गई कि वो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये अभी भी जुड़ी हुई है और अपने मुवक्किल से कही उनकी ये बात जज भी सुन रहे हैं. जस्टिस अरुण मिश्रा ने उनकी बात सुनी और उन्हें टोकते हुए कहा-' ऐसा नहीं है मैडम, हम सुनते हैं.
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इसी बीच सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड एसोसिएशन ने चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर जुलाई से आमने सामने सुनवाई की मांग की है. पत्र में कहा है 95 फीसदी वकील वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई के लिए सहज नहीं है,क्योंकि इस माध्यम से वो अपने केस को सही तरह से नहीं रख पाते कई सारे पक्षकारों और वकीलो वाले केस में वकीलो को बोलने का मौका नहीं मिल पाता क्योंकि कई बार कोऑर्डिनेटर की ओर से उनके माइक म्यूट कर दिये जाते है
Source : News Nation Bureau