कोरोना टेस्ट पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को कहा कि प्राइवेट लैब में मुफ्त जांच होनी चाहिए. बुधवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार को एक प्रक्रिया बनानी चाहिए जिससे प्राइवेट लैब में अपना टेस्ट कराने वाले लोगों का पैसा रिइम्बर्स हो सके. कोर्ट ने कहा कि डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ कोरोना से लड़ाई में योद्धा है. कोरोना टेस्ट और उसके रोकथाम में लगे डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा के लिए दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये लोग योद्धा है.
उनकी और उनके परिवार के लोगों की सुरक्षा बेहद जरूरी है. मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह भी कहा कि प्राइवेट लैब को कोरोना की जांच के लिए पैसे की अनुमति नहीं होनी चाहिए.
118 लैब हर दिन कर रहे 15 हजार टेस्ट
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अभी 118 लैब लैब प्रति दिन 15 हजार टेस्ट कर रही हैं. सरकार 47 प्राइवेट लैब को भी टेस्ट की इजाजत देने वाली है. यह एक
विकासशील स्थिति है. हमें यह पता है कि कितने लैब की जरूरत होगी और लॉकडाउन कब तक जारी रहेगा.
यह भी पढ़ें- कोरोनाः नोएडा, आगरा और गाजियाबाद सहित 15 जिले होंगे पूरी तरह सील, देखें पूरी लिस्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्राइवेट लैब को कोरोना की जांच के लिए पैसे लेने की अनुमति नहीं होनी चाहिए. टेस्ट के रिइम्बर्स के लिए सरकार की ओर से तंत्र बनाया जाना चाहिए. इस
पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इन सभी सुझावों पर विचार करेंगे. वहीं, मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा पर सरकार की ओर से एसजी तुषार मेहता ने कहा कि पुलिस और
सरकारों की ओर से हर तरीके की व्यवस्था करनी चाहिए.
Source : News Nation Bureau