उज्जैन महाकाल के ज्योतिर्लिंग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का लिखित आदेश आया है. SC ने शिवलिंग को नुकसान से बचाने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं.
- किसी श्रद्धालु को शिवलिंग को रगड़ने की इजाज़त नहीं होनी चाहिए.
- पुजारी पुरोहित/ अधिकृत प्रतिनिधि ये सुनिश्चित करेंगे कि कोई श्रद्धालु किसी भी सूरत में शिवलिंग को ना रगड़े. ऐसा होने की सूरत में पुजारी उन्हें न रोकने के लिए ज़िम्मेदार होंगे. सिर्फ मन्दिर की ओर से होने वाली परंपरागत पूजा में ही शिवलिंग को रगड़ने की इजाजत दी जा सकती है.
- शिवलिंग के ऊपर दही, धी, शहद का इस्तेमाल इसे नुकसान पहुँचा सकता है. बेहतर होगा कि सीमित मात्रा में सिर्फ शुद्ध दूध चढ़ाने की इजाज़त मिले. हां, मन्दिर की ओर से होने वाली परम्परागत पूजा में सभी शुद्ध पदार्थ इस्तेमाल किये जा सकते हैं.
- मन्दिर कमेटी भी इस बात के लिये सहमत है कि किसी श्रद्धालु के द्वारा शिवलिंग पर पंचामृत न चढ़ाया जाए. सिर्फ परम्परागत पूजा / अर्चना में इसकी इजाज़त हो.
- मन्दिर कमेटी ही शिवलिंग पर चढ़ाने के लिए शुद्ध दूध और जल श्रद्धालुओं को उपलब्ध कराएगी. दूध की शुद्धता सुनिश्चित करना मन्दिर कमेटी की ज़िम्मेदारी होगी.
- गर्भगृह के अंदर पूजा /आराधना की 24 घन्टे वीडियो रिकॉर्डिंग हो. रिकॉर्डिंग को कम से कम 6 महीने के लिए सुरक्षित रखा जाए. किसी पुजारी द्वारा नियम का अगर उल्लंघन पाया जाता है, तो मन्दिर प्रबंधन उसके खिलाफ कार्रवाई करें.
- कलेक्टर और SP को निर्देश है कि मन्दिर के 500 मीटर के दायरे में अतिक्रमण को हटाए.
- एक्सपर्ट कमेटी मन्दिर का दौरा करेगी और शिवलिंग चन्द्रनागेश्वर में मन्दिर के संरक्षण को लेकर कोर्ट में 15 दिसंबर तक रिपोर्ट पेश करेगी.
- अगले साल जनवरी के दूसरे हफ्ते में SC सुनवाई करेगा.
Source : News Nation Bureau