सुप्रीम कोर्ट ने रेल यात्रा के दौरान यात्रियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने की मांग को लेकर दायर याचिका पर केंद्र सरकार और रेल मंत्रालय से जवाब मांगा है। इस याचिका में सुरक्षा उपायों का फिर से मूल्यांकन करने की मांग की गई है।
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने शुक्रवार को इस याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार और रेल मंत्रालय को नोटिस जारी किया है।
याचिका में कहा गया है कि ट्रेनों में सुरक्षा उपाय के इंतजाम उचित नहीं है और रेल डिब्बों के भीतर अभी तक सीसीटीवी कैमरे नहीं लगाए गए हैं।
याचिकाकर्ता ने रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के कुछ अज्ञात अधिकारियों द्वारा अगस्त में एक 30 वर्षीय इंजीनियर की कथित हत्या मामले पर सीबीआई जांच की मांग भी की है।
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यह याचिका मृतक इंजीनियर राहुल सिंह की पत्नी द्वारा दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि उनके पति को ट्रेन से बाहर फेंक दिया गया था जब वह दिल्ली से वाराणसी जा रहे थे।
पत्नी के अनुसार ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि उनके पति अपने मोबाइल फोन पर आरपीएफ के कथित गैरकानूनी काम को रिकॉर्ड कर रहे थे।
सर्वोच्च अदालत ने इस मसले पर सीबीआई को नोटिस जारी कर 10 हफ्तों के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है।
ट्रेनों में सुरक्षा के मुद्दे को उठाते हुए, याचिकाकर्ता ने कहा है कि 'भारतीय रेलवे की ट्रेनों में सुरक्षा उपाय दयनीय है। यहां किसी को चलती ट्रेन से फेंक देना एक आम घटना है। जहां प्रारंभिक जांच एजेंसियों की लापरवाही के कारण स्तिथि और दयनीय हो जाती है।'
इस याचिका में सुरक्षा उपायों का फिर से मूल्यांकन करने और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की गई है।
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Source : News Nation Bureau