कॉल ड्रॉप से सुप्रीम कोर्ट के जज भी परेशान है. जस्टिस अरुण मिश्रा ने एक मामले की सुनवाई के दौरान टिप्पणी की कि मेरे घर पर भी इंटरनेट और मोबाइल कनेक्टिविटी नहीं है. हालात इस कदर खराब है कि 10 में से 6 कॉल ड्राप हो जाती है. मामला टेलीकॉम कम्पनियों पर केंद्र सरकार की ओर से बकाया लाइसेंस फीस से जुड़ा है. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दावा किया है कि लाइसेंस फीस के रूप में टेलीकॉम कंपनियों पर 92641 रुपये बकाया है. केवल एयरटेल पर 21682 करोड़ बकाया है.
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जस्टिस अरुणा मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने टेलीकॉम कंपनियों का पक्ष रख रहे वकील ने दावा किया कि उनकी हर जगह कनेक्टिविटी है तो जस्टिस अरुण मिश्रा ने उन्हें टोका. जस्टिस मिश्रा ने कहा- आप जो कह रहे है, ऐसा नहीं है. मेरे घर पर भी इंटरनेट और मोबाइल कनेक्टिविटी नहीं है. कनेक्टिविटी इस कदर खराब है कि 10 में से 6 कॉल ड्राप हो जाती है. इसी स्थिति आपकी खराब सर्विस का नतीजा है.
HIGHLIGHTS
- सुप्रीम कोर्ट के जज भी कॉल ड्रॉप से परेशान
- वकील को लगाई फटकार
- टेलीकॉम कंपनी पर बकाया