सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में पहली बार हो रहा है शुक्रवार को चार जजों ने प्रेस कांफ्रेंस की। प्रेस कांफ्रेंस में जस्टिस जे चेलमेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसफ मौजूद थे।
सुप्रीम कोर्ट के जजों ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा पर सवाल उठाते हुए कहा कि CJI को सुधारात्मक कदम उठाने के लिए कई बार मनाने की कोशिश की गई, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे प्रयास विफल रहे। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में प्रशासन सही से नहीं चल रहा है।
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# प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद से की मुलाकात
# जरूर गंभीर कारण रहे होंगे कि उन्हें प्रेस कांफ्रेंस करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं रहा। लेकिन इसका जस्टिस लोया से क्या संबंध हैं मैं नहीं जानता, ऐसे में मैं कुछ कह नहीं सकता: मुकुल मुद्गल, पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज
There must be some serious reason that they were left with no other option but to hold a Press Conference. But what connection Loya has with this? I know nothing about this & I don't want to make comments about any political matter: Mukul Mudgal, retired SC judge pic.twitter.com/oWWVb2t9WT
— ANI (@ANI) January 12, 2018
# चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल से की मुलाकात
Chief Justice of India Dipak Misra met the Attorney General KK Venugopal over the allegations made by the 4 Supreme Court judges: Sources (file pics) pic.twitter.com/a5yp2W7pkn
— ANI (@ANI) January 12, 2018
# ये एक ऐतिहासिक प्रेस कांफ्रेंस थी। देश के लोगों को पता होना चाहिये कि सुप्रीम कोर्ट में क्या चल रहा है: इंदिरा जयसिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता
I think it's a historic Press Conference. It was very well done. I think we, the people of India, have a right to know what is going on within the judiciary & I welcome this: Indira Jaising, Supreme Court advocate on PC by 4 Supreme Court judges pic.twitter.com/0Mav1DzmjI
— ANI (@ANI) January 12, 2018
# ये निश्चित तौर पर गंभीर मामला है इससे चीफ जस्टिस की छवि पर धब्बा लगा है। किसी न किसी को इस पर बोलना था, चीफ जस्टिस अपनी शक्तियों का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं।
"It is certainly a very serious development which has cast a huge shadow on the Chief Justice. Somebody had to confront the situation, where CJ is blatantly misusing his powers, hence the unprecedented step": Prashant Bhushan, lawyer & politician pic.twitter.com/Mrv5BZPjSk
— ANI (@ANI) January 12, 2018
# वे ऐसे ही नहीं बोल रहे उन्हें पैसे कमाना होता तो वो जज नहीं बनते। हमें उनका सम्मान करना चाहिये। प्रधानमंत्री को कोशिश करनी चाहिये कि चारों जज और चीफ जस्टिस और पूरी सुप्रीम कोर्ट एक सुर में बात करें: स्वामी
We can't criticize them, they are men of great integrity & have sacrificed a lot of their legal career, where they could've made money as senior counsels. We must respect them. PM must ensure that the 4 judges & CJI, in fact whole SC come to one opinion & proceed further: S.Swamy pic.twitter.com/dYj6MJPhkO
— ANI (@ANI) January 12, 2018
# ये देश की न्याय पालिका के लिये काला दिन है। इससे गलत परंपरा पड़ेगी। अब आम आदमी किसी भी फैसले को शक की निगाह से देखेगा: उज्जवल निकम, वरिष्ठ वकील
This is a black day for Judiciary. Today's press conference would cause a bad precedent. From now on every common man could look at all judicial order with suspicion. Every judgement will be questioned : Ujjwal Nikam, senior lawyer pic.twitter.com/lIPabrRNjS
— ANI (@ANI) January 12, 2018
# सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज पीबी सावंत ने कहा कि इस तरह से प्रेस कांफ्रेंस पहली बार हुआ है। जाहिर है कि अगर ये जज ऐसा कर रहे हैं तो जरूर गहरे मतभेद रहे होंगे।
Judges had to come before media & take this unprecedented step. This means that there is a serious dispute, either with Chief Justice of India (CJI) or some internal dispute: PB Sawant, former Supreme Court judge on press conference by 4 Supreme Court judges pic.twitter.com/UosAImUvPX
— ANI (@ANI) January 12, 2018
# कांग्रेस नेता और सुप्रीम कोर्ट के वकील ने इसे दुखद करार दिया है और कहा है कि देश की सबसे बड़ी अदालत के जजों को मजबूर होना पड़ा है इस तरह की प्रेस कांफ्रेंस करने के लिये।
Deeply sad & pained, also feel a sense of agony that highest court of land should come under such severe stress that forces judges to address the media: Salman Khurshid, senior advocate on press conference by 4 Supreme Court judges. pic.twitter.com/vtGg2JRQYJ
— ANI (@ANI) January 12, 2018
# बीजेपी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने कहा कि ऐसा कभी नहीं हुआ है। उन्होंने कहा, 'जब देश के हित खतरे में हों तो सामान्य नियमों को नहीं लागू किया जा सकता है।'
Absolutely unprecedented, the press conference of the four senior judges of supreme court. Most important take away 'when national interest is at stake ordinary rules of business do not apply.
— Yashwant Sinha (@YashwantSinha) January 12, 2018
# काफी चौंकाने वाला है। जरूर कोई बड़ा कारण रहा होगा कि इतने सीनियर जजों को ये रास्ता अख्तियार करना पड़ा। उनकी पीड़ा देखी जा सकती है: केटीएस तुलसी, वरिष्ठ वकील
# चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा पूरे ममाले पर दोपहर 2 बजे बयान दे सकते हैं
# चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल को अपने चैंबर में बुलाया
# सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग लगाए जाने के सवाल पर जस्टिस जे चेलमेश्वर ने कहा कि यह देश तय करे।
Let the nation decide that: Justice J.Chelameswar on if the CJI should be impeached pic.twitter.com/0R1qt8v4mq
— ANI (@ANI) January 12, 2018
# जस्टिस लोया के मौत की जांच के मामले की सुनवाई को लेकर पूछे गए एक सवाल पर कि क्या ये मामला सुनवाई करने वाली बेंच को लेकर उठे विवाद पर नाराज़गी है तो जस्टिस गोगोई ने कहा, 'हां।'
There is an issue of assignment of a case which is raised in that letter (to CJI): Justice Ranjan Gogoi, on being asked further if it is about CBI Judge BH Loya, he said, 'yes.' pic.twitter.com/aeZAwg04i7
— ANI (@ANI) January 12, 2018
# चारों जजों ने चीफ जस्टिस को 7 पन्नों का एक पत्र लिखा है। जिसमें अपनी शिकायतें दर्ज की हैं।
#FLASH Judges J.Chelameswar, Ranjan Gogoi, Madan Lokur and Kurian Joseph release 7 page letter, that they wrote to the Chief Justice of India Dipak Misra. pic.twitter.com/2dQ5fzTDF8
— ANI (@ANI) January 12, 2018
# जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा, 'हम चारों इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि जबतक कि इस संस्था को संरक्षित किया जाता है, समभाव को बनाए रखा जाता है तो देश का या किसी भी देश के लोकतंत्र की रक्षा हो सकेगी।
#WATCH: Supreme Court Judge J.Chelameswar says, 'All 4 of us are convinced that unless this institution (Supreme Court) is preserved & it maintains its equanimity, democracy will survive in this country, or any country. pic.twitter.com/FBYSeLClH6
— ANI (@ANI) January 12, 2018