Yoga and Islam: योग के महत्वपूर्ण अंग सूर्य नमस्कार (Surya Namaskar) पर चर्चा बढ़ती जा रही है. हाल ही में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ( Muslim Personal Law Board ) ने एक नोट जारी करके कहा था कि सूर्य नमस्कार मुस्लिमों के अनुकूल नहीं है. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (Muslim Personal Law Board) ने कहा था कि मुस्लिम बच्चों को सूर्य नमस्कार नहीं करना चाहिए. यह इस्लाम के अनुकूल नहीं है. दरअसल, केंद्र सरकार ने आजादी का अमृत महोत्सव (Azadi ka amrit mahotsav) में सामूहिक सूर्य नमस्कार कराने का ऐलान किया था, जिसका मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने गलत बताया था. अब मुस्लिम विचारक एवं सुप्रीम कोर्ट की वकील सुबुही खान ने सोशल मीडिया पर आकर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बात को गलत बताया है. सुबुही खान का कहना है कि सूर्य नमस्कार शरीर को स्वस्थ रखता है. इसे किसी भी धर्म या संप्रदाय से जोड़ना गलत है. शरीर को स्वस्थ रखने के लिए यह एक बहुत अच्छा व्यायाम है.
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साथ ही सुबुही खान ने ये भी कहा कि कुछ लोग मुस्लिमों को लेकर एक एजेंडा चला रहे हैं, जिससे मुस्लिम अपने देश और अपनी संस्कृति से कट जाएं. सुबुही खान ने अपने फेसबुक और ट्विटर अकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट की है. उन्होंने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बात को गलत बताया है. उन्होंने कहा कि सूर्य नमस्कार सिर्फ प्रकृति के प्रति धन्यवाद है. इसे किसी भी धर्म के लिहाज से गलत नहीं कहा जा सकता. बता दें कि सुबुही खान पहले भी विवादों में रही हैं. धर्म और इस्लाम से जुड़े मुद्दों पर उनके विचार और इस्लामिक स्कॉलरों से उनकी बहस चर्चा का विषय रही है. उनके सूर्य नमस्कार (surya namaskar) पर पोस्ट पर भी तमाम तरह की प्रतिक्रिया आ रही हैं.