अब से थोड़ी देर बाद सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) के वार्ताकार शाहीन बाग (Shaheen Bagh) वार्ता के पहुंचे जहां तीसरे दिन भी वार्ताकारों को खाली हाथ लौटना पड़ा. शुक्रवार को शाहीन बाग प्रदर्शनकारियों और सुप्रीम कोर्ट के वार्ताकारों के बीच कोई खास बात नहीं हो सकी और एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट के वार्ताकारों शाहीन बाग से खाली हाथ लौटना पड़ा. आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के वार्ताकारों का लगातार यह तीसरा दिन था जब वो शाहीन बाग में नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों को अपना प्रदर्शन शाहीन बाग से हटाकर कहीं और रख लें, यह बात समझाने के लिए. इसके पहले सुप्रीम कोर्ट के वार्ताकार 19 फरवरी और 20 फरवरी को भी शाहीन बाग प्रदर्शनकारियों को समझाने के लिए धरना प्रदर्शन स्थल पर बातचीत के लिए गए थे. वार्ताकारों ने बताया कि प्रदर्शनकारी शाहीन बाग का रास्ता छोड़ने के लिए तैयार नहीं है उनकी 2 दिन पहले भी प्रदर्शनकारियों के साथ बातचीत बेनतीजा रही है.
इसके पहले सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दो वार्ताकारों को शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों से मिलने के लिए भेजा था. सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त वार्ताकार वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े शाहीन बाग पहुंचे थे. जहां उन्होंने शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों के बातचीत के लिए गए थे वहां उनके साथ साधना राम चंद्रन भी पहुंची थीं. प्रदर्शनकारियों से कहा कि उच्चतम न्यायालय ने प्रदर्शन करने के उनके अधिकार को बरकरार रखा है, लेकिन इससे अन्य नागरिकों के अधिकारों पर प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए.
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बुधवार को वार्ताकार और प्रदर्शनकारियों में हुई थी बातचीत
बुधवार को लगभग दो घंटे के की बातचीत वार्ताकार और प्रदर्शनकारियों के बीच चली थी. इस दौरान दोनों वार्ताकारों ने मीडिया से अलग होकर प्रदर्शनकारियों की बात सुनी. उसके बाद अगले दिन यानि कि गुरुवार को एक बार फिर से प्रदर्शनकारियों से सुप्रीम कोर्ट के वार्ताकारों की बातचीत हुई लेकिन इस दिन भी बातचीत बेनतीजा रही है. मीडिया में आईं खबरों की मानें तो बातचीत में कोई हल नहीं निकला है. प्रदर्शनकारी सरकार द्वारा लागू किए गए नागरिकता संशोधन बिल (CAA) के वापस लिए जाने तक आंदोलन जारी रखने की बात कही है.
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रास्ता बंद होने से स्कूली बच्चों को भी हो रहीं हैं दिक्कत
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट से वार्ताकार बनकर आए संजय हेगड़े ने इसके पहले भी प्रदर्शनकारियों को बातचीत के दौरान समझाते हुए कहा था कि यह रास्ता बंद होने से स्कूली बच्चों को भी परेशान होना पड़ रहा है, ऐसे में उनके बारे में सोचते हुए आपसब को रास्ता देना चाहिए. संजय हेगड़े ने आगे कहा था कि हम यहां सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत आए हैं. हमें सबसे बात करने की उम्मीद है. हमें उम्मीद है कि सबके सहयोग से मसले का समाधान कर पाएंगे. वहीं, साधना रामचंद्रन ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने यह नहीं कहा है कि आपके विरोध के अधिकार को छीना जाए. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि दूसरों के हक को भी नहीं माना जाए.