लोकसभा से निष्कासित सांसद महुआ मोइत्रा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा महासचिव को नोटिस भेजकर तीन हफ्ते के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है. वहीं, शीर्ष कोर्ट ने उन्हें लोकसभा की कार्यवाही में हिस्सा लेने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है. बता दें कि कैश-फॉर-क्वेरी केस और बुरा बरताव करने के मामले में एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद लोकसभा से उन्हें निष्कासित किया गया था. जिसके बाद वो सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
महुआ मइत्रा पर रिश्वत लेने के बदले व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के साथ अपने संसदीय लॉगिन विवरण साझा करने का आरोप है. बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा पर गंभीर आरोप लगया था और इस मामले को संसद में उठाया था. जिसके बाद यह मामला एथेक्सि कमेटी के पास महुआ मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था.
महुआ मोइत्रा ने रिश्वत की बात को बताया बेबुनियाद
महुआ मोइत्रा ने अपने ऊपर लगे आरोपों पर कहा था कि उनके कर्मचारी लोकसभा पोर्टल पर प्रश्नों को टाइप कर सकें इसलिए उन्होंने अपने दोस्त और खरबपति बिजनेसमैन हीरानंदनी के साथ अपने लॉगिन क्रेडेंशियल साझा किए थे. पूर्व सांसद ने दोनों के बीच बीच रिश्वत के किसी भी लेनदेन से इनकार किया था.
Source : News Nation Bureau