सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (CGST एक्ट 2017 ) के कुछ प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने इसे लेकर याचिका दायर करने वाले बिजनेसमैन आदित्य गुप्ता के खिलाफ किसी दंडात्मक कार्रवाई पर भी रोक लगा दी है.
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करीब 52 करोड़ की टैक्सी चोरी का आरोप झेल रहे आरव आयरन और स्टील लिमिटेड के मालिक आदित्य गुप्ता ने सीजीएसटी के जिन प्रावधानों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, उनके तहत क़ानून का उल्लंघन करने पर जांच एजेंसी को किसी आरोपी को गिरफ्तार करने का अधिकार हासिल है.
सुप्रीम कोर्ट में वकील विजय अग्रवाल और मुदित जैन की ओर से दायर अर्जी में कहा गया था कि आदित्य गुप्ता के खिलाफ जीएसटी अधिकारियों द्वारा अब तक हुई जांच सीआरपीसी के तहत तय क़ानूनी प्रकिया और संविधान की ओर से दिए मूल अधिकार का हनन है. याचिका में कहा गया था कि इस एक्ट के तहत गिरफ्तारी क़ानूनी तौर पर अवैध है क्योंकि इन प्रावधानों की कोई संवैधानिक वैधता नहीं है.
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कोर्ट में दलील दी गई कि आदित्य गुप्ता 22 महीने पहले ही कस्टड़ी में उस आरोप के लिए गुजार चुका है, जिसमें दोषी साबित होने की सूरत में भी उसे अधिकतम पांच साल की सज़ा हो सकती है. कोरोना महामारी के चलते अभी ट्रायल भी जल्द खत्म नहीं होने वाला है, क्योंकि 45 सरकारी गवाह में से सिर्फ 15 गवाहों के बयान अभी तक दर्ज हो पाए हैं.