Advertisment

सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी- ये राष्ट्रीय आपदा है, संकट के वक्त अदालत महज मूकदर्शक नहीं रह सकती

देश में कोरोना वायरस से मचे हाहाकार के बीच सुप्रीम कोर्ट में इस मसले मंगलवार को सुनवाई हुई. केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय में आज अपना जवाब दाखिल किया.

author-image
Dalchand Kumar
एडिट
New Update
supreme court

SC की टिप्पणी- ये राष्ट्रीय आपदा है, अदालत महज मूकदर्शक नहीं रह सकती( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

देश में कोरोना वायरस से मचे हाहाकार के बीच सुप्रीम कोर्ट में इस मसले मंगलवार को सुनवाई हुई. केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय में आज अपना जवाब दाखिल किया. 22 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना से बिगड़ते हालातों को लेकर इस पर स्वत: संज्ञान लिया था और 4 बिंदुओं (ऑक्सीजन की आपूर्ति, आवश्यक दवाइयों की आपूर्ति, वैक्सीनेशन का तरीका, राज्य में लॉकडाउन का फैसला लेने का अधिकार) पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था. इसी के तहत केंद्र ने आज अपना जवाब दाखिल किया है. हालांकि अब सुप्रीम कोर्ट ने वैक्सीन की कीमतों समेत कई और बिंदुओं से केंद्र सरकार से सवाल किए हैं.

यह भी पढ़ें: दिल्ली का O2 प्लान : केजरीवाल के इन कदमों से दिल्ली में जल्द खत्म होगी ऑक्सीजन की किल्लत

सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई शुरू होने पर सरकार की ओर से SG तुषार मेहता ने कहा कि हमने जवाब दाखिल कर दिया है. इस पर कोर्ट ने कहा कि हमें जवाब देखने के लिए एक दो दिन का वक्त चाहिए. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से अभी उपलब्ध ऑक्सीजन, ऑक्सीजन की  फिलहाल और भविष्य में मांग और इसकी समेत कई बिंदुओं पर केंद्र सरकार की ओर से उठाए गए कदमों के ब्योरा मांगा. सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य सरकारों से भी उपरोक्त बिंदुओ पर गुरुवार तक जवाब दाखिल करने को कहा है.

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान आज जयदीप गुप्ता और मीनाक्षी अरोरा को एमिकस क्युरी नियुक्त किया. इस दौरान हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई को लेकर जस्टिस चंद्रचूड़ ने अहम टिप्पणी की. सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि कोविड महामारी को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्वतः संज्ञान लेने का मतलब ये नहीं कि हाईकोर्ट में सुनवाई नहीं होगी. देश के अलग अलग हाईकोर्ट बेहतर इस मामले को देख सकते हैं, पर कुछ मसले राष्ट्रीय नीति से जुड़े हैं. लिहाजा सुप्रीम कोर्ट को दखल देना पड़ा. न्यायालय ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यहां सहयोग देने का है. राष्ट्रीय संकट के वक्त सुप्रीम कोर्ट महज मूकदर्शक नहीं रह सकता.

देखें: न्यूज नेशन LIVE TV

सरकार की ओर से SG तुषार मेहता ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और तमाम दूसरे राजनीतिक दल पार्टी लाइन से ऊपर उठकर इस संकट को देख सकते हैं. हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट कौन सुनवाई करे, किसका अधिकार क्षेत्र है, ये इतना महत्वपूर्ण नहीं है. हम संकट से निपटने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं. कोर्ट ने कहा कि हमें देखना होगा कि इस महामारी के मद्देनजर हम पैरामिलिट्री फोर्सज, रेलवे और आर्मी के संसाधनों का कैसे बेड, क्वारंटाइन, और वेक्सीनेशन के लिए बेहतर इस्तेमाल कर सकते हैं.

यह भी पढ़ें: 1 मई को भारत पहुंचेगी रूसी वैक्सीन स्पूतनिक V की पहली खेप, RDIF ने दी जानकारी 

इस दौरान कोर्ट ने वैक्सीन की कीमत को लेकर भी टिप्पणी की. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि जहां तक वैक्सीनेशन की बात है, तमाम मैनुफेक्चरस अलग अलग वैक्सीन का दाम बता रहे हैं. ये संकट का वक्त है, इसको भी देखना होगा. अदालत ने सवाल किया कि वैक्सीन के अलग-अलग दामों पर केंद्र क्या कर रहा है, अगर अभी की स्थिति नेशनल इमरजेंसी नहीं है तो क्या है. सुप्रीम कोर्ट अब इस मसले पर शुक्रवार को सुनवाई करेगा.

सुप्रीम कोर्ट ने अब इन बिंदुओं पर मांगा केंद्र से जवाब

  • अभी उपलब्ध ऑक्सीजन, ऑक्सीजन की  फिलहाल और भविष्य मे मांग और इसकी आपूर्ति के लिए केन्द्र सरकार की ओर से उठाए गए कदम के बारे में.
  • रेमेडिसिवर और दूसरी जरूरी दवाइयों की सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमो के बारे में.
  • वैक्सीन की मौजूदा कीमत का आधार/भविष्य में वैक्सीन की संभावित मांग को लेकर उठाS गए कद.
  • कोविड से पीड़ित लोगों को जानकारी उपलब्ध कराने के लिए डॉक्टरों के पैनल की जरूरत है. केंद्र राज्य स्तर पर ऐसे एक्सपर्ट पैनल के गठन के बारे में उठाए गए कदम के जानकारी देगा.

HIGHLIGHTS

  • कोरोना पर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई
  • केंद्र सरकार ने दाखिल किया जवाब
  • अब केंद्र से वैक्सीन के दाम पर सवाल
Narendra Modi Supreme Court केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट corona pandemic
Advertisment
Advertisment
Advertisment