नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (एनआरसी) की ओर से जारी अंतिम ड्रॉफ्ट के बाद इस मामले पर आज (मंगलवार) सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। एनआरसी ने सोमवार को अपनी दूसरी लिस्ट में 40 लाख लोगों को अवैध नागरिक माना था।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले की जटिलता और शिकायत को देखते हुए निष्पक्ष रूप से पूरी प्रक्रिया को अपनाए जाने की जरूरत थी। अगर कुछ लोग इस लिस्ट में जगह नहीं बना सके हैं तो हमें इसे ठीक करना चाहिए।
कोर्ट ने कहा कि ऐसे सभी लोगों को अपने दावे साबित करने के लिए पर्याप्त मौका मिलना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने NRC कॉर्डिनेटर से लिस्ट में शामिल न किए गए लोगों के दावो की पुष्टि के लिए अपनाए जाने वाली प्रकिया की जानकारी मांगी।
Supreme Court today said, the process (of filing of an objection by those whose names are not in the list) should be fair. The standard operating procedure should be applied. #NRCAssam
— ANI (@ANI) July 31, 2018
NRC कॉर्डिनेटर ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि जिन लोगों के नाम दूसरे ड्राफ्ट में शामिल नहीं किये गए है, वो 7 अगस्त के बाद इसकी वजह जान सकते है और 30 अगस्त के बाद नागरिकता को लेकर अपनी आपत्तियां/दावे दर्ज करा सकते हैं।
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सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि NRC के अंतिम ड्राफ्ट के रिलीज के आधार पर अथॉरिटी किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नही कर सकती और जिन लोगों के नाम छूट गए है, उन्हें पूरा मौका मिलने के बाद ही कोई एक्शन लिया जाएगा।
कोर्ट ने केंद्र सरकार से NRC को लेकर एक SOP बनाने और इसे कोर्ट की मंजूरी के लिए अदालत में पेश करने के लिए कहा।
इस मामले को लेकर कोर्ट में अगली सुनवाई 16 अगस्त को होगी।
गौरतलब है कि मंगलवार को सदन में इस मुद्दे को लेकर जमकर हंगामा हुआ।
केंद्रीय गृहराज्य मंत्री किरन रिजिजू ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए ट्वीट कर कहा, 'राहुल गांधी कहते हैं कि राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) कांग्रेस की देन है और इसका कार्यान्वयन बीजेपी सरकार में सुस्त रहा है, जिसका मतलब है कि इसे और सख्ती के साथ क्रियान्वित किया जाना चाहिए।लेकिन सदन में उनकी पार्टी एनआरसी प्रक्रिया का विरोध करती है। कांग्रेस आखिर चाहती क्या है?'
मंगलवार को भी इसी मुद्दे पर बहस और कांग्रेस के हंगामे के बाद राज्य सभा पूरे दिन के लिए स्थगित हो गया।
बता दें कि सोमवार को जारी असम एनआरसी के अंतिम ड्राफ्ट के मुताबिक आवेदन किए कुल 3.29 करोड़ लोगों में 2,89,83,677 लोगों को राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर में शामिल किया गया।
वहीं सूची में शामिल नहीं किए गए 40 लाख लोगों को दोबारा आपत्ति जताने और दावेदारी का मौका मिलेगा। हालांकि एनआरसी का अंतिम ड्राफ्ट जारी होने के बाद संसद में भी लगातार बहस जारी है।
Source : News Nation Bureau