कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज में लापरवाही और मरने वाले के शवों के गरिमापूर्ण तरीके से रखे जाना का मसले पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने केंद्र से कहा कि हर राज्य में टेस्ट की कीमत एक समान होनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा कि वह अधिकतम कीमत की सीमा तय करे. राज्य चाहें तो इससे कम कीमत रख सकते हैं. इसके साथ ही अस्पतालों में सीसीटीवी (CCTV) कैमरे लगाने को भी कहा है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि अस्पतालों में मरीजों पर नजर रखने के लिए टीम का गठन भी किया जाना चाहिए.
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सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने बताया कि एलएनजेपी (LNJP) अस्पताल में इलाज में खामियों को उजागर करने वाला वीडियो बनाने वाले डॉक्टर के खिलाफ केस को वापस ले लिया है. कोर्ट ने याद दिलाया कि हम पहले ही कह चुके है कि खामियों को उजागर करने वाले हेल्थ स्टाफ को परेशान न किया जाए.
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कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा कि अंसल बंधुओं की ओर से ट्रॉमा सेंटर बनाने के लिए 5 साल पहले मिले 60 करोड़ रु का क्या इस्तेमाल हुआ? सुप्रीम ने महाराष्ट्र में मरीज और रिश्तेदार को कोविड़-19 की पॉजिटिव टेस्ट रिपोर्ट न देने के आदेश से असहमति जाहिर की. कोर्ट ने कहा कि राज्य इस पर फिर से विचार करें. मरीजों और उनके रिश्तेदारों को रिपोर्ट मिलनी चाहिए. सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वो महाराष्ट्र सरकार से इस बारे में बात करेंगे. कोर्ट ने कहा कि वह इस मामले में विस्तृत आदेश आज शाम को वेबसाइट पर अपलोड करेंगे.
Source : News Nation Bureau