SC/ST एक्ट में दर्ज FIR पर तुरंत गिरफ्तारी, सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा केंद्र सरकार का संशोधन

SC/ST एक्ट में तुरंत गिरफ्तारी का प्रावधान जोड़ने के लिए सरकार की ओर से 2018 ये संसोधन को सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा है

author-image
Aditi Sharma
एडिट
New Update
supreme court

सुप्रीम कोर्ट( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

SC/ST एक्ट में केंद्र सरकार के एसीएसटी संशोधन कानून को चुनौती देने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने SC/ST एक्ट में तुरंत गिरफ्तारी का प्रावधान जोड़ने के लिए सरकार की ओर से 2018 के संसोधन  को बरकरार रखा है. यानी अगर किसी मामले में एफआईर दर्ज की जाती है तो आरोपी की तुरंत गिरफ्तारी होगी. इसी के साथ SC /ST एक्ट के मामलों में मुकदमा दर्ज करने से पहले जांच की ज़रूरत नहीं होगी. वहीं FIR दर्ज करने से पहले भी किसी वरिष्ठ अधिकारी की अनुमति की ज़रूरत नहीं पड़ेगी. हालांकि विशेष परिस्थितियों में कोर्ट FIR खारिज कर सकता है.

यह भी पढ़ें: धार्मिक परम्परा बनाम महिला अधिकार मामला, 17 फरवरी से सुप्रीम कोर्ट में रोज सुनवाई

बता दें, केंद्र सरकार के संशोधित कानून को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दाखिल की गई थी जिसे सोमवार को कोर्ट ने खारिज कर दी और केंद्र के संशोधित कानून को मंजूरी दे दी. कोर्ट ने कहा कि इस एक्ट में तुरंत गिरफ्तारी का प्रावधान जारी रहेगा और किसी भी आरोपी को अग्रिम जमानत नहीं मिलेगी. बता दें, केंद्र का संशोधित कानून एसीसी/एसटी एक्ट के तहत गिरफ्तार किसी आरोपी को अग्रिम जमानत देने पर रोक लगाता है. इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस विनीत शरण और जस्टिस रवींद्र भट्ट की बेंच ने 2-1 से फैसला सुनाया. 

यह भी पढ़ें: उत्तर प्रदेश में पहली PAC महिला बटालियन का हुआ गठन, CM योगी ने कहा...

क्या था पूरा मामला?

दरअसल 20 मार्च 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी एक्ट के दुरुपयोग के चलते इसमें मिलने वाली शिकायतों पर तुरंत एफआईआर और गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी. इसके बाद केंद्र सरकार ने  इस आदेश को पलटने के लिए कानून में संशोधन किया जिसकी वैधता को सुप्रीम  कोर्ट में चुनौती दी गई थी. 

Supreme Court FIR SCST
Advertisment
Advertisment
Advertisment