सर्वोच्च न्यायालय ने पक्षपात को प्रेस की आजादी के लिए बताया खतरा

शीर्ष अदालत ने कहा कि मीडिया के एक वर्ग में देखा गया है कि पक्षपात का चलन बढ़ रहा है.

author-image
yogesh bhadauriya
एडिट
New Update
सर्वोच्च न्यायालय ने पक्षपात को प्रेस की आजादी के लिए बताया खतरा

SC ने पक्षपात के चलन को बताया प्रेस की आजादी के लिए खतरा बताया

Advertisment

सर्वोच्च न्यायालय ने पक्षपात के चलन को प्रेस की आजादी के लिए खतरा बताया है. शीर्ष अदालत ने कहा कि मीडिया के एक वर्ग में देखा गया है कि पक्षपात का चलन बढ़ रहा है. राफेल विमान सौदे से जुड़े मामले पर आदेश देते हुए बुधवार को न्यायमूर्ति के. एम. जोसेफ ने इस ओर आगाह किया. न्यायाधीश जोसेफ ने स्वतंत्र और निष्पक्ष प्रेस की आवश्यकता बताई.

यह भी पढ़ें- अटॉर्नी जनरल ने लिया यू-टर्न, कहा- राफेल के दस्तावेज चोरी नहीं हुए

अदालत ने कहा, "अगर जिम्मेदारी की गहरी समझ के बिना प्रेस आजादी का लाभ उठाती है तो इससे लोकतंत्र कमजोर हो सकता है. कुछ वर्गो में पक्षपात की निराशाजनक प्रवृति देखने को मिलती है."

अदालत ने कहा, "व्यापारिक हित और राजनीतिक वफादारी हावी होने से निष्पक्ष कर्तव्य निभाने में और निष्पक्ष तरीके से सूचनाओं का संग्रह करने में कमी प्रतीत होती है." अदालत ने कहा कि लोकतंत्र को मजबूत बनाने और उसे अनुनादी बनाए रखने में प्रेस ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. न्यायमूर्ति जोसेफ ने कहा, "विजुअल मीडिया ने खासतौर से शक्ति का उपयोग किया है. इसकी पहुंच असीमित प्रतीत होती है और आबादी के हर वर्ग में इसकी पहुंच है."

Source : IANS

Supreme Court Participation Press Freedom Need for Free and Unbiased Press Judge Joseph
Advertisment
Advertisment
Advertisment