सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में पटाखे बेचने पर लगी रोक को शर्तों के साथ हटा लिया है। कोर्ट ने इस संबंध में एक समिति भी गठित करने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने कहा है कि केंद्रीय पदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन की अध्यक्षता में इस कमेटी का गठन किया जाएगा। जिसे अपनी रिपोर्ट 31 दिसंबर 2017 तक सौंपनी होगी।
दिसंबर 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश के तहत दिल्ली-एनसीआर में पटाखे बेचने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था।
जाने कोर्ट ने क्या कहा:
- संबद्ध पुलिस प्रशासन और डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट ये सुनिश्चित करें कि साइलेंस ज़ोन में पटाखे न फोड़े जाएं। अस्पतालों, नर्सिंग होम, प्राइमरी स्कूल, कोर्ट, धार्मिक स्थल और दूसरे साइलेंस ज़ोन में पटाखे न फोड़े जाएं।
और पढ़ें: देश की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं रोहिंग्या मुसलमान: राजनाथ सिंह
- दिल्ली पुलिस को कोर्ट ने कहा है कि वो पटाखे बेचने और बनाने के लाइसेंस में 2016 की तुलना में आधे कर दिये जाएं।
- अस्थाई लाइसेंस 500 से अधिक न दिये जाएं। साथ ही एनसीआर क्षेत्र में भी संबंधित राज्य सरकारें 2016 की तुलना में 50 फीसदी लाइसेंस ही जारी करें।
- प्रशासन अस्थाई लाइसेंस देने का क्षेत्र तय करे।
- राज्य सरकारें दिल्ली एनसीआर क्षेत्र के अस्पतालों से बातचीत कर लोगों को पटाखों से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक करें।
- ऐसे दुकानदार जिनके पास लाइसेंस है और उनके पास पटाखों का स्टॉक है वो अपना पटाखा बेच सकते है या दूसरे राज्यों में भेज सकते हैं।
और पढ़ें: AIADMK ने शशिकला को दिखाया बाहर का रास्ता, जयललिता बनी रहेगी महासचिव
- कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली-एनसीआर में अगले आदेश तक अन्य राज्यों से पटाखें न लाए जाएं।
सुप्रीम कोर्ट ने लाइसेंस पर लगी रोक को अंतरिम रूप से हटाया है। इस संबंध में दीपावली के बाद एयर क्वालिटी को देखते हुए दोबारा सुनवाई की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के पिछले साल रोक लगाने के बाद पटाखा बनाने वाली कंपनियों और विक्रेताओं ने याचिका दायर की थी और उनका पक्ष सुनने के बाद कोर्ट ने इसी अगस्त में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
और पढ़ें: कांग्रेस ने आतंकवाद बंद किया मोदी ने उनके लिए दरवाजे खोले: राहुल गांधी
Source : News Nation Bureau