गुजरात दंगे के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दिए जाने के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई 26 नवंबर के लिए टली. ये याचिका कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफ़री की पत्नी ज़किया जाफ़री ने दायर की है. सुनवाई के दौरान SIT के वकील ने तीस्ता सीतलवाड़ के भी इस मामले में याचिकाकर्ता होने पर सवाल खड़े किए. एसआईटी ने फरवरी 2012 में अपनी रिपोर्ट में नरेंद्र मोदी समेत 59 लोगों को क्लीनचिट देते हुए कहा था कि उनके ख़िलाफ़ मुक़दमा चलाने योग्य कोई साक्ष्य नहीं हैं.
इसके साथ ही निचली अदालत ने एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर इन आरोपियों को क्लीनचिट दे दी थी. बाद में गुजरात हाई कोर्ट ने भी इस क्लीन चिट को बरकरार रखा था. इसके खिलाफ ज़किया ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की थी.
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गौरतलब है कि 28 फरवरी 2002 को दंगों के दौरान अहमदाबाद के गुलबर्ग सोसाइटी में एक भीड़ के द्वारा एहसान जाफरी सहित कुल 68 लोग मारे गए थे.
दिसम्बर 2013 में एक महानगरीय अदालत ने जाफरी की मोदी और अन्य के खिलाफ आपराधिक साजिश के तहत मामला दर्ज करने वाली याचिका को खारिज कर दिया था. जिसके बाद वह 2014 में गुजरात हाई कोर्ट का रुख की थी.
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लेकिन पूरी सुनवाई के बाद पिछले साल 5 अक्टूबर को गुजरात हाई कोर्ट ने भी याचिका कर दी थी हालांकि हाई कोर्ट ने कहा था कि याचिकाकर्ता ऊपरी अदालत में अपील कर सकते हैं.
Source : News Nation Bureau