सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) सहित कई कंपनियों द्वारा दायर कई याचिकाओं पर फैसला सुनाया है. जिसमें कोविड-19 महामारी को शामिल करने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के 54 दिनों की अवधि के दौरान कर्मचारियों को पूर्ण वेतन और भुगतान करने के गृह मंत्रालय के आदेश को चुनौती दी गई थी. कोर्ट ने कहा कि जो कंपनी कमर्चारियों को लॉकडाउन (lockdown) के दौरान पूरा वेतन नहीं दे पाई, उनके खिलाफ अभी आगे भी कोई क़ानूनी कार्रवाई नहीं होगी.
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सुप्रीम कोर्ट ने श्रम संगठनों और उद्योग मालिकों से बातचीत के जरिए बीच का रास्ता निकालने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बिना कर्मचारियों के कोई इंडस्ट्री काम नहीं कर सकती. लिहाजा नियोक्ता और कर्मचारी आपस में बातचीत कर हल निकालने की कोशिशें करें. साथ ही कोर्ट ने कहा कि अगर ये संभव नहीं तो सम्बंधित लेबर कोर्ट जा सकते है.
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इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जुलाई के आखिरी हफ्ते में हलफनामा दाखिल करने को कहा है. केंद्र को 29 मार्च के आदेश की वैधानिकता पर जवाब देना है, जिसमें लॉकडाउन के दौरान कर्मचारियों को पूरा वेतन देने की बात कही गई थी. केंद्र ने आदेश जारी कर कहा था कि कंपनियों को कर्मचारियों का 54 दिन का पूरा वेतन देना होगा, जिसको लेकर कई कंपनियों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.
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