सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह अनिल देशमुख को राहत नहीं दी है. उनकी ओर से दाखिल अर्जी पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय अब 3 अगस्त को होने वाली अगली सुनवाई में गिरफ्तारी पर रोक लगाने के मसले पर सुनवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट पीएमएलए की वैधता को चुनौती देने वाली दूसरी याचिकाओं के साथ इस पर 3 अगस्त को सुनवाई करेगा. विदेश से पैसों के अवैध लेन-देन की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय ने देशमुख को पूछताछ के लिए समन भेजा है. देशमुख ने गिरफ्तारी का अंदेशा जताते हुए सुप्रीम कोर्ट से राहत की मांग की थी. गौरतलब है कि गुरुवार को ही सीबीआई ने अनिल देशमुख के आठ शहरों में दर्जन भर ठिकानों पर छापेमारी की थी.
सीबीआई ने जारी किया है समन
देशमुख पर मुंबई के कई ऑर्केस्ट्रा बार से जबरन वसूली करने के आरोप हैं. साथ ही यह भी आरोप लगे हैं कि मुंबई पुलिस के बर्खास्त अधिकारी साचिन वाजे ने देशमुख के ही निर्देशों पर 4.7 करोड़ रुपये की वसूली की थी. ये पैसे उनके बेटे के नागपुर स्थित एक शिक्षण ट्रस्ट के पास पहुंचे. कहा जा रहा है कि इस लेनदेन में दो हवाला ऑपरेटर भी शामिल थे और रकम को डोनेशन के तौर पर दिखाया गया था. देशमुख इस ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं और उनके दो बेटे ऋषिकेश और सलिल ट्रस्टी हैं.
100 करोड़ की वसूली का भी है आरोप
इससे पहले सीबीआई ने देशमुख एवं अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भ्रष्टाचार रोकथाम कानून और आपराधिक साजिश से जुड़ी भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था. मुंबई पुलिस आयुक्त पद से हटाए जाने के बाद परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में आरोप लगाया था कि देशमुख ने सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाझे को शहर के बार एवं रेस्तरां से 100 करोड़ रुपये की वसूली करने को कहा था. सीबीआई की प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है, 'प्रारंभिक जांच में प्रथमदृष्टया सामने आया कि मामले में संज्ञेय अपराध हुआ है जहां महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख और अन्य अज्ञात व्यक्तियों ने अपनी सार्वजनिक जिम्मेदारियों के अनुचित और बेईमान प्रदर्शन से अनुचित लाभ प्राप्त करने का प्रयास किया.'
HIGHLIGHTS
- 3 अगस्त को सर्वोच्च न्यायालय करेगा सुनवाई
- उसी दिन अन्य याचिकाओं पर होनी है सुनवाई
- गुरुवार को ही सीबीआई ने की ठिकानों पर छापेमारी