धारा 377 की संवैधानिक वैधता की फिर होगी जांच, जल्द मिलेगी मुक्ति - हरीश साल्वे

वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा समलैंगिकता को अपराध बताने वाला यह कानून जल्द ही समाप्त हो जाएगा।

author-image
vineet kumar1
एडिट
New Update
धारा 377 की संवैधानिक वैधता की फिर होगी जांच, जल्द मिलेगी मुक्ति - हरीश साल्वे

वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे

Advertisment

सुप्रीम कोर्ट के भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 377 की संवैधानिक वैधता का फिर से परीक्षण करने की बात कहने के कुछ घंटों बाद ही वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा समलैंगिकता को अपराध बताने वाला यह कानून जल्द ही समाप्त हो जाएगा।

साल्वे ने कहा,' सुप्रीम कोर्ट की 9 जजो की बेंच ने एकमत होकर कहा है कि समाज आपसी सहमति से दो वयस्कों के बीच बनाए गये समलैंगिक संबंध निजता के अधिकार का हिस्सा है। यह कानून जल्द ही औपचारिक रूप से समाप्त हो जाएगा।'

आपको बता दें कि सोमवार को मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस मामले को संविधान पीठ को सौंपते हुए कहा कि वह भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 377 की वैधता पर पुनर्विचार करेगी।

और पढ़े: दिल्ली के अक्षरधाम पर हमला करने की थी योजना, पकड़ा गया आतंकवादी

अब धारा 377 की वैधता पर पुनर्विचार के लिए मामले की सुनवाई बड़ी बेंच के सामने होगी।

गौरतलब है कि शीर्ष अदालत ने दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा 2009 में दिए गए फैसले को बदलते हुए 2013 में बालिग समलैंगिकों के बीच सहमति से शारीरिक संबंध बनाने को अपराध करार दिया था।

यह भी पढ़ें : LGBT मामले में धारा 377 की संवैधानिक वैधता की जांच करेगा सुप्रीम कोर्ट

Source : News Nation Bureau

Supreme Court Harish Salve right to privacy sexual orientation
Advertisment
Advertisment
Advertisment