सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस द्वारा राष्ट्रीय राजधानी को ट्रैफिक जाम से निजात दिलाने वाली खुद की कार्ययोजना पर काम नहीं करने के लिए लताड़ा और कहा कि स्थिति को सामान्य करने के लिए विशेष कार्य बल द्वारा चिह्न्ति 77 जगहों में से केवल पांच पर ही ध्यान दिया गया है।
दिल्ली में जाम से निजात पाने के लिए कार्ययोजना पिछले वर्ष शीर्ष अदालत में पेश की गई थी। दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस के प्रतिनिधियों के एक कार्यबल ने इसे बनाया था।
केंद्र और दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील वसीम कादरी के बयान को 'नीरस' बताते हुए जस्टिस बी.लाकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता ने कहा, 'आप खुद अपनी ही योजना का पालन नहीं कर रहे हैं।'
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कार्यबल ने राष्ट्रीय राजधानी में जाम से निजात के लिए 77 जगहों की पहचान की थी लेकिन सरकार ने एनडीएमसी क्षेत्र के अंतर्गत केवल पांच वीआईपी क्षेत्रों को चुना है। इन क्षेत्रों में धौला कुआं, सरदार पटेल मार्ग, ग्यारह मूर्ति और पंचशील मार्ग शामिल हैं।
सरकार और पुलिस द्वारा योजना पर काम करने के तरीके पर अवलोकन करते हुए जस्टिस गुप्ता ने कहा कि इसके लिए कोई योजना नहीं थी कि मेट्रो लाइन कहां शुरू की जाएगी।
अदालत ने कहा, 'आप उन्हें (अतिक्रमण को) आज या कल हटाते हो, वे फिर से वापस आ जाते हैं।'
अदालत ने कहा कि बस स्टॉप सही जगह पर नहीं हैं और कुछ जगह तो यह ट्रैफिक सिग्नल लाइन के काफी करीब है।
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Source : IANS