सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अमरुथा नाम की महिला की एक याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। अमरुथा ने दिवंगत जे.जयललिता की जैविक बेटी होने का दावा किया था।
अमरुथा ने जयललिता के शरीर को कब्र से निकालकर और उसकी डीएनए जांच कर मातृत्व के संबंध की जांच का आग्रह किया था।
लेकिन, जस्टिस मदन बी.लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता ने उसे अपनी अर्जी के साथ मद्रास हाई कोर्ट जाने की इजाजत दे दी।
अमरुथा ने कहा उसके पालक माता-पिता ने उसे 1982 में गोद लिया था। अमरुथा के दत्तक माता-पिता जयललिता की बहन व जीजा हैं। उसका दावा है कि वह जयललिता की जैविक बेटी है और इसे उसके दत्तक पिता ने मरने से पहले उसे बताया था।
अमरुथा ने अदालत से आग्रह किया था कि वह 'उसकी मां' के शरीर को निकालने का आदेश दे, जिससे कि परिवार जयललिता का पारंपरिक तरीके से अंतिम संस्कार कर सके।
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Source : IANS