लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान कथित तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर की ओर से दिए गए नफरत भरे भाषणों के खिलाफ भारत के चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग के लिए याचिका दायर की गई थी, लेकिन शीर्ष कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट ने कहा हम इस मामले में दखल देने को इच्छुक नहीं है.
जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की पीठ पूर्व आईएएस अधिकारी ईएएस सरमा और पूर्व IIM डीन त्रिलोचन शास्त्री की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी. याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े ने कहा कि 2019 में कोर्ट ने इसी तरह की याचिका पर विचार किया था और चुनाव आयोग से जवाब मांगा था. हालांकि चुनाव खत्म होने के बाद उस मामले का निपटारा कर दिया गया. पीठ ने कहा कि वे इस मामले को खारिज कर रहे हैं. पीठ ने आदेश में कहा हम अनुच्छेद 32 के तहत इस याचिका में हस्तक्षेप करने के इच्छुक नहीं हैं. लिहाजा इसे खारिज किया जाता है
अदालत उस रिट याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें 2024 के आम चुनावों के लिए राजनीतिक प्रचारकों, विशेषकर भाजपा की ओर से दिए जा रहे नफरत भरे भाषणों के खिलाफ उचित कार्रवाई शुरू करने के लिए भारत के चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग की गई थी.
Source : News Nation Bureau