सुल्ली डील ऐप बनाने के आरोपी ओंकारेश्वर ठाकुर की याचिका पर सुनवाई को सुप्रीम कोर्ट सहमत हो गई है, इस पर यूपी, दिल्ली और महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी किया है. कोर्ट में अगली सुनवाई तीन हफ्ते के बाद होगी. ओंकारेश्वर ने अपने खिलाफ विभिन्न राज्यों में दर्ज एफआईआर को एक जगह जोड़ने (क्लब करने) की मांग की है. आरोप है कि इंटरनेट पर सुल्ली डील्स ऐप के जरिये फोटो से छेड़छाड़ कर मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाया जाता था. आरोप है कि ओंकारेश्वर ही सुल्ली डील ऐप का क्रिएटर है, दिल्ली पुलिस ने ओंकारेश्वर ठाकुर को मध्य प्रदेश के इंदौर से गिरफ्तार किया था. हालांकि सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सभी एफआईआर एक साथ जोड़े जाने की मांग पर सवाल भी उठाया है.
सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को जारी किया नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में दो ऐप के जरिये मुस्लिम महिलाओं को टारगेट किया गया एक-सुल्ली डील्स और दूसरी बुल्ली बाई, इन ऐप में बहुत सी महिलाओं के फोटोग्राफ अपलोड किए गए. इनमें हर महिला पीड़ित पक्ष है. तो क्या ऐसी सूरत में सभी एफआईआर को जोड़ा जा सकता है, वो भी जब दोनों वेबसाइट के लिए अलग-अलग एफआईआर दर्ज हुई हैं. फिलहाल संबंधित पक्षों को नोटिस जारी करके उनका रिप्लाई मांगा गया है.
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बीसीए छात्र पर ये हैं आरोप
ओंकारेश्वर ठाकुर बीसीए का छात्र है, जुलाई 2021 में दिल्ली पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की. पुलिस ने बताया कि उससे पहले बुल्ली बाई ऐप बनाने वाले नीरज बिश्नोई को 6 जनवरी को गिरफ्तार किया था. बुल्ली बाई मामले की जांच से पता चला है कि आरोपी ट्विटर हैंडल @sullideals के क्रिएटर के संपर्क में था, जिसका इस्तेमाल गिटहब पर 'सुल्ली डील' ऐप बनाने के लिए किया गया था.
HIGHLIGHTS
- ओंकारेश्वर ठाकुर की याचिका पर SC ने जारी किया नोटिस
- बीसीए छात्र ओकांरेश्वर ठाकुर मामले का मास्टरमाइंड
- गिटहब पर बनाया था सुल्ली डील्स ऐप