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हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन और एजिथ्रोरोमाइसिन के इस्तेमाल पर सवाल उठाने वाली अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट का सुनवाई से इंकार

कोर्ट ने कहा कि हम इसके एक्सपर्ट नहीं. आप याचिका ICMR को दीजिए. वो इस पर फैसला लेंगे.

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Aditi Sharma
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सुप्रीम कोर्ट( Photo Credit : फाइल फोटो)

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सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना के इलाज में हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन और एजिथ्रोरोमाइसिन के इस्तेमाल पर सवाल उठाने वाली अर्जी पर सुनवाई से इंकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि हम इसके एक्सपर्ट नहीं. आप याचिका ICMR को दीजिए. वो इस पर फैसला लेंगे.

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पीपल फ़ॉर बेटर ट्रीटमेंट की ओर से दायर अर्जी में कहा गया था कि इन दवाओं के कई गंभीर साइड इफेक्ट है. इनका इस्तेमाल दिल के मरीज़ों के लिए जानलेवा भी हो सकता है. इसे में सिर्फ ज़रूरी केस में इनका इस्तेमाल हो और दिल के मरीजों को देते समय सावधानी बरती जाए. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने लॉकडाउन में आर्थिक परेशानी का सामना कर रहे वकीलों की मदद के लिए इमरजेंसी फंड बनाने का आदेश देने से इंकार कर दिया. कोर्ट ने बार काउंसिल को इस पर विचार करने को कहा है. कोर्ट ने कहा, इस महामारी के चलते हर कोई परेशान है. बहुत से लोगों का काम छीन गया है. वकील भी इसका हिस्सा है. लेकिन हम सिर्फ वकीलों के लिए कोई आदेश कैसे दे सकते हैं. वकीलो के हित सुरक्षित रहे, इसके लिए बार काउंसिल को इस पर विचार करना चाहिए.

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सुप्रीम कोर्ट ने इस्तेमाल किए गए मास्क को सही तरीके से डिस्पोज़ करने की मांग पर दिशा निर्देश जारी करने की याचिका पर सुनवाई से इंकार कर दिया. सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया, इस मसले पर गृह मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय , पर्यावरण मंत्रालय पहले ही दिशानिर्देश जारी कर चुका है. लगता है, याचिकाकर्ता ने उन्हें देखा नहीं है . सुप्रीम कोर्ट ने कहा, इस मामले की सुनवाई पहले से ही NGT कर रहा है, उन्हें ही आगे सुनवाई करने दिया जाएगा.SC के दखल की ज़रूरत नहीं है.

इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार  के महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट  परअभी रोक लगाने से इंकार किया. कोर्ट ने कहा कि अभी इस अर्जी पर तुरंत सुनवाई की ज़रूरत नही. वैसे भी इस महामारी के बीच अभी कोई कुछ नहीं करने जा रहा. केंद्र सरकार के इस हाई-प्रोफाइल प्रोजेक्ट का बजट 20,000 करोड़ रुपये का है. इस प्रोजेक्ट के तहत राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक चार स्क्वायर किमी. क्षेत्र में कई ऐतिहासिक इमारतों का पुनर्निर्माण और पुनर्विकास किया जाएगा। इसमे मौजूदा संसद के बगल में नया संसद भवन और प्रधानमंत्री के लिए नया आवास बनाने का प्रस्ताव भी शामिल है

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