सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों पर बैन के NGT के आदेश पर दखल देने से इंकार किया. कोर्ट ने इसके खिलाफ दायर याचिकाओं को खारिज करते हए कहा- NGT के आदेश में ही स्पष्ट है कि जिन इलाको में हवा की गुणवत्ता खराब होगी, वहाँ पटाखों की बिक्री और उनके चलाने पर प्रतिबंध रहेगा. जिन इलाको में एयर क्वालिटी इंडेक्स बेहतर है, वहाँ इसकी इजाज़त दी जा सकती है. हम अपनी तरफ से दख़ल की कोई ज़रूरत नहीं समझते. जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने कहा कि पटाखों का स्वास्थ्य पर कितना बुरा असर पड़ता है, इसके लिए किसी अध्ययन या शोध की जरूरत नहीं है.
यह भी पढ़ें : इंटरनेट पर झांसा देकर मंगाता विदेशी महिलाओं की न्यूड फोटो, फिर करता ब्लैकमेल
जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने कहा, क्या हमें आपके फेफड़ों पर पटाखों के प्रभाव को समझने के लिए IIT की आवश्यकता है? यह सामान्य ज्ञान है. हम 2017 से एक लंबा सफर तय कर चुके हैं और अब हम महामारी के बीच में हैं.
यह भी पढ़ें : कांग्रेस कार्यकर्ताओं को सिद्धू के पदभार ग्रहण समारोह में ले जा रही बस में हुई दुर्घटना, 5 कार्यकर्ताओं की मौत, कई घायल
दिसंबर 2020 में NGT अध्यक्ष न्यायमूर्ति एके गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने उन क्षेत्रों में पटाखों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया था, जहां COVID-19 महामारी के मद्देनजर AQI खराब है. इसने आगे निर्देश दिया था कि क्रिसमस और नए साल के दौरान एक निश्चित अवधि के लिए केवल ग्रीन पटाखों का इस्तेमाल किया जा सकता है. DM को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया था कि प्रतिबंधित पटाखों की बिक्री नहीं की जाएगी और उल्लंघन के मामलों में मुआवजे की वसूली का अधिकार दिया गया था.
यह भी पढ़ें : साइको बहनों ने की अपनी ही मां की हत्या, खून से सने शव के पास खेल रही थीं लड़कियां
HIGHLIGHTS
- सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों पर बैन के NGT के आदेश पर दखल देने से इंकार किया.
- कोर्ट ने इसके खिलाफ दायर याचिकाओं को खारिज करते हए कहा
- NGT के आदेश में ही स्पष्ट है कि जिन इलाको में हवा की गुणवत्ता खराब होगी