सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को आगामी विधानसभा और लोकसभा के चुनाव EVM की बजाय बैलेट पेपर से कराए जाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से इन्कार कर दिया. कोर्ट ने कहा, क्या बैलट पेपर के इस्तेमाल से सारी दिक्कतें रुक जाएंगी. कोर्ट ने यह भी कहा, जिस सिस्टम को भी इंसान चलाते हैं या बनाते हैं, उसमें दिक्कतें आ सकती हैं. एनजीओ ‘न्याय भूमि’ ने EVM (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) का दुरूपयोग होने की आशंका जताई थी. NGO (गैर सरकारी संगठन) ने मांग की थी कि आगामी चुनावों में EVM का इस्तेमाल न करने दिया जाए.
बीते वर्षों में हुए चुनाव में EVM हैक करने और उसमें खराबी को लेकर तमाम शिकायतें विपक्षी दलों ने की थी. कुछ दलों ने चुनाव आयोग को चैलेंज भी किया था. चुनाव आयोग ने इस चुनौती को स्वीकार करते हुए सार्वजनिक रूप से EVM का डेमो दिया था और उसे हैक करने के लिए इंजीनियरों को चुनौती दी थी. आम आदमी पार्टी इसमें सर्वाधिक मुखर रही थी. पार्टी की ओर से सौरव भारद्वाज ने पार्टी की ओर से प्रतिनिधित्व किया था.
बुधवार को प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ‘‘प्रत्येक प्रणाली और मशीन का उपयोग तथा दुरूपयोग दोनों हो सकता है. आशंकाएं सभी जगह होंगी.’’ एनजीओ ‘न्याय भूमि’ ने EVM (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) का दुरूपयोग होने की आशंका जताई थी और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मांग की थी कि स्वतंत्र तथा निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए उनका उपयोग नहीं किया जाना चाहिए. रंजन गोगोई की पीठ ने याचिका खारिज कर दी.
Source : News Nation Bureau