बेंगलुरु में मिराज लड़ाकू विमान क्रैश की SC के रिटायर्ड जज की निगरानी में SIT जांच की मांग सुप्रीम कोर्ट ने ठुकरा दी है. इसमें दो पायलटों की मौत हो गई थी. चीफ जस्टिस ने कहा, ये जांच अदालत का काम नहीं. याचिका में भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए इन विमानों की कमेटी से जांच की मांग भी थी.
गौरतलब है कि सरकार द्वारा संचालित हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने मिराज-2000 लड़ाकू विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने पर मारे गए दो पायलटों के निधन पर दुख जताया. एचएएल ने एक बयान में कहा, 'एचएएल दोनों पायलटों के दुखी परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट करता है. कंपनी ने आईएएफ के साथ मिलकर दुर्घटना की जांच शुरू कर दी है.' एक अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि शहर के पूर्वी उपनगरीय क्षेत्र में स्थित सैन्य हवाईअड्डे पर युद्धाभ्यास के दौरान मिराज-2000 के दुर्घटनाग्रस्त होने पर स्क्वाड्रन लीडर समीर अब्रोल और स्क्वोड्रन लीडर सिद्धार्थ नेगी शहीद हो गए थे. इस मामले की SC के रिटायर्ड जज की निगरानी में SIT जांच की मांग सुप्रीम कोर्ट ने ठुकराई. चीफ जस्टिस ने कहा, ये जांच अदालत का काम नहीं. याचिका में भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए इन विमानों की कमेटी से जांच की मांग भी थी.
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चीफ जस्टिस ने कहा, मिराज 3- .5 जेनरेशन का एयरक्राफ्ट है. देश आजकल 6 वी जेनरेशन के एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल कर रहे हैं. ये पुराना एयरक्राफ्ट है. इसमें तो ऐसी दुर्घटना होगी ही. हमसे आप क्या जांच की उम्मीद करते हैं. आपको बता दें इससे पहले पिछली साल जुलाई माह में भी भारतीय वायुसेना का सुखोई एयरक्राफ्ट नासिक में क्रैश हो गया था. इस हादसे में एयरक्राफ्ट के दोनों पायलट सुरक्षित बच गए थे. भारतीय वायुसेना का एयरक्राफ्ट सुखोई एस यू-30एमकेआई ट्वीनजेट मल्टीरोल फाइटर नासिक से 25 किलोमीटर दूर पिम्पलगांव बसवंत इलाके में क्रैश हुआ था.
Source : News Nation Bureau