सुप्रीम कोर्ट के तीसरे वरिष्ठ न्यायाधीश कुरियन जोसेफ गुरूवार को रिटायर हो गए. पूर्व जस्टिस कुरियन जोसेफ ने कहा कि जनवरी में की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर कोई पछतावा नहीं है. उन्होंने कहा कि अब चीज़ें बदल रही है. पूर्व जस्टिस कुरियन जोसेफ ने कहा कि 'मुझे पछतावा नहीं है. मैंने यह बहुत सोच-समझकर किया क्योंकि कोई और विकल्प नहीं था. मैं नहीं कह सकता कि संकट खत्म हो गया है. यह एक सांस्थानिक संकट था. सिस्टम को बदलने में वक़्त लगता है. हालांकि, यह बदल रहा है और यह आगे भी जारी रहेगा.' मालूम हो कि 12 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ न्यायाधीशों ने शीर्ष अदालत के कामकाज को लेकर विभिन्न मुद्दे उठाये थे. भारतीय न्यायिक इतिहास में एक अभूतपूर्व और असाधारण घटना के तहत चारों वरिष्ठ न्यायाधीशों ने सार्वजनिक रूप से तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा पर मामलों को उचित पीठ को देने के नियम का सख्ती से पालन नहीं करने का आरोप लगाया था.
Justice (Retd) K Joseph on press conference by 4 SC Judges on Jan 12: I don't regret it. I did it consciously as no option was left. I can't say that crisis is over. It was an institutional crisis&it takes time for system to change. It's changing&process will continue. (30.11) pic.twitter.com/UuicqjUVu7
— ANI (@ANI) December 1, 2018
जनवरी में जजों द्वारा की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस पर पूर्व जस्टिस ने कहा, 'ये साफ़ था कि उस समय सुप्रीम कोर्ट सही दिशा में नहीं जा रहा था. हम कई पहलुओं की तरफ इशारा कर तत्कालीन CJI के ध्यान में लाए, लेकिन कोई परिणाम नहीं निकलने पर सार्वजनिक नोटिस में लाने के अलावा कोई और तरीका नहीं था.'
Justice(Retd) K Joseph on PC by 4 SC Judges:It was quite clear to all of us at that time that SC wasn't going in right direction.We pointed out many aspects&brought it to notice of the then CJI.Seeing no result,we thought there was no other way than to bring it to public's notice pic.twitter.com/clWhr7Am6H
— ANI (@ANI) December 1, 2018
सुप्रीम कोर्ट में वर्तमान की स्थिति पर पूर्व जस्टिस ने कहा, 'चीज़े सुधर रही है और कदम उठाये जा रहे है. समय लगता है. एक ही दिन में सब नहीं बदल सकता है. हम एक संस्थागत प्रणाली के लिए खड़े हैं.'
Justice (Retd) Kurian Joseph on the current state of Supreme Court: Things have improved, steps are being taken. It will take time, it can’t change on a single day because it’s an institution & what we are standing for is an institutional system & practices should be put in place pic.twitter.com/W9urqpF5V0
— ANI (@ANI) December 1, 2018
न्यायपालिका में भ्रष्टाचार के आरोपों पर पूर्व जस्टिस ने कहा, 'मैं कभी इस बात से सहमत नहीं हूं कि उच्च न्यायपालिका में भ्रष्टाचार है. यदि यह निचली न्यायपालिका में है, तो यह राज्य की चिंता है. मैंने ये कभी नहीं किया और न ही सुना.'
Justice (Retd) Kurian Joseph on allegations of corruption in Judiciary: I’ll never really agree that there’s corruption in higher judiciary. If it is in the lower judiciary, its the state's concern. In the higher judiciary, it has not come to my notice. pic.twitter.com/4ITSUxrNF6
— ANI (@ANI) December 1, 2018
बता दें कि 12 जनवरी को जस्टिस जोसेफ, रंजन गोगोई, जस्टिस मदन बी. लोकुर और पूर्व न्यायाधीश जे. चेलामेश्वर ने एक संवाददाता सम्मेलन किया था जिसमें शीर्ष अदालत में मामलों के आवंटन सहित गंभीर प्रश्न उठाए थे.