NRC को लेकर केंद्र सरकार के रवैये पर सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट की ओर से NRC तैयार कराने की कोशिशों पर पानी फेरने में लगा हुआ है. केंद्र सरकार आम चुनाव का हवाला देकर NRC को तैयार करने प्रकिया पर स्थगन चाहती है. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि वो NRC में लगी 167 पैरामिलिट्री फोर्स की कंपनियों को वहां से हटाकर चुनाव प्रकिया में लगाना चाहती है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की मांग ठुकरा दी है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गृह मंत्रालय की पूरी कोशिश NRC प्रोसेस को ख़त्म करने की है. अगर आप NRC को जारी रखना चाहते हैं तो इसके एक हज़ार तरीके हैं. हम आपके रवैये से बहुत निराश हैं. इस मामले में आगामी सुनवाई मार्च के पहले हफ्ते में होगी.
क्या है एनआरसी
NRC असम में रह रहे बांग्लादेशी आव्रजकों को अलग करने का लंबे समय से चल रहे अभियान का हिस्सा है. NRC को अपडेट करने की प्रक्रिया 2013 में शुरू हुई थी. यह प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट के मार्गदर्शन और दिशानिर्देशों के तहत की जा रही है. NRC में उन सभी भारतीय नागरिकों के नाम शामिल होंगे, जो असम में 25 मार्च 1971 के पहले से रह रहे हैं यानी जिनके पास उनके परिवार के इस तारीख से पहले से रहने के सबूत हैं.
पिछले साल 30 जुलाई को जारी किए गए दूसरे और अंतिम ड्राफ्ट से कुल 3.29 करोड़ आवेदकों में से 40 लाख से ज्यादा लोगों को बाहर कर दिया गया था जिसके बाद राष्ट्रव्यापी राजनीतिक विवाद पैदा हो गया था. नागरिकों की ड्राफ्ट सूची में 2.89 करोड़ आवेदकों को मंजूरी दी गई थी. एनआरसी का पहला ड्राफ्ट 1 जनवरी 2018 को जारी किया गया था जिसमें 3.29 करोड़ लोगों में से 1.9 करोड़ लोगों को नागरिकता मिली थी.
Source : News Nation Bureau