दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर अब सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. शीर्ष अदालत ने शनिवार को सुझाव दिया कि केंद्र और दिल्ली सरकार उच्च प्रदूषण के स्तर को देखते हुए राष्ट्रीय राजधानी में दो दिनों का लॉकडाउन पर विचार करे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली में पराली जलाने के अलावा इंडस्ट्रीज, पटाखें और धूल प्रदूषण के मुख्य कारण हैं और इन सभी पर लगाम लगाने की जरूरत है. शीर्ष अदालत ने केंद्र को निर्देश दिया है कि वायु प्रदूषण की वजह से बने इमरजेंसी हालात से निपटने के लिए क्या फैसले लिए गए हैं. कोर्ट ने इस बारे में सोमवार को जानकारी देने का आदेश दिया है.
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सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि पराली के अलावा 70-80 प्रतिशत प्रदूषण के लिए क्या किया जा रहा है. हमें बताइए कि 500 पार पहुंचा AQI कैसे कम होगा. सुप्रीम कोर्ट में आज हुई सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा कि वायु प्रदूषण से दिल्ली-एनसीआर में गंभीर स्थिति पैदा हो गई है. हमें घर पर भी मास्क पहनना पड़ेगा. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि प्रदूषण से निपटने के लिए उसने क्या कदम उठाए हैं. पीठ ने आगे कहा कि दिल्ली में हवा की गुणवत्ता 'गंभीर' श्रेणी में है और अगले दो-तीन दिनों में इसमें और गिरावट आएगी. कोर्ट ने केंद्र से इमरजेंसी निर्णय लेने को कहा है.
पीठ ने केंद्र से कहा है कि आपको इस मुद्दे को राजनीति और सरकार से परे देखना होगा. अदालत ने आगे कहा कि पराली जलाने पर बढ़ते प्रदूषण के स्तर के लिए अकेले किसानों को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है और अधिकारियों को वाहनों के प्रदूषण, धूल और इंडस्ट्री प्रदूषण सहित अन्य कारणों से भी निपटना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि पराली के अलावा 70-80 प्रतिशत प्रदूषण के लिए क्या किया जा रहा है. हमें बताइए कि 500 पार पहुंचा AQI कैसे कम होगा.
HIGHLIGHTS
- कोर्ट ने कहा, प्रदूषण के लिए पराली जलाने, इंडस्ट्रीज, पटाखें और धूल मुख्य वजह
- प्रदूषण को बताया गंभीर कहा- ऐसे में घर पर भी पहनना पड़ेगा मास्क
- कोर्ट ने केंद्इर से इस बारे में सोमवार को जानकारी देने का आदेश दिया