सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि मोबाइल और बैंक खातों को आधार से जोड़े जाने के बारे में कोई फैसला संवैधानिक पीठ ही करेगी।
कोर्ट ने कहा कि संवैधानिक पीठ ही मोबाइल नंबर और बैंक खातों को आधार कार्ड से जोड़ने से रोकने के लिए कोई अंतरिम आदेश दे सकती है। माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई के लिए अगले हफ्ते संवैधानिक पीठ का गठन कर सकती है।
हालांकि केंद्र सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल ने बैंक खातों और मोबाइल नंबर को आधार से जोड़े जाने से रोकने के लिए अंतरिम आदेश पास करने का विरोध किया।
अटॉर्नी जनरल ने कहा कि यह राष्ट्रीय महत्व का मसला है और कोर्ट को ऐसे किसी अंतरिम आदेश को पारित करने से परहेज करना चाहिए।
गौरतलब है कि सरकार की सामाजिक कल्याण से जुड़ी योजनाओं का लाभ लेने के लिये आधार अनिवार्य करने की समय सीमा 31 दिसंबर 2017 से बढ़ाकर 31 मार्च 2018 कर दी गई है।
'आधार' की अनिवार्यता को लेकर इससे पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने पांच जजों की संवैधानिक बेंच गठित करने का फैसला लिया था।
संवैधानिक बेंच नवंबर के पिछले सप्ताह से दायर की गई याचिकाओं पर सुनवाई करेगा, जिसमें कल्याणकारी योजनाओं में लाभ के लिए सरकार के आधार अनिवार्यता के खिलाफ चुनौती दी गई थी।
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वहीं मोबाइल को आधार से लिंक कराए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट (SC) ने सरकार और देश की सभी मोबाइल कंपनियों को नोटिस जारी कर चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए ममता सरकार के रुख से नाराजगी जताई।
कोर्ट ने कहा, 'कोई राज्य संसद से पारित कानून का उल्लंघन कैसे कर सकता है।' ममता सरकार ने आधार लिंक अनिवार्यता के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट याचिका दायर की थी।
कोर्ट ने कहा, 'कोई राज्य कैसे केंद्र के फैसले को चुनौती दे सकता है। अगर ममता बनर्जी को इस प्रक्रिया से दिक्कत है तो उन्हें एक नागरिक की तरह याचिका दाखिल करनी चाहिए।'
कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के वकील को राज्य सरकार की याचिका में जरूरी सुधार करने के लिए 4 हफ्तों का वक्त दिया है।
आधार से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई के लिए SC ने बनाया संवैधानिक बेंच
HIGHLIGHTS
- सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि मोबाइल और बैंक खातों को आधार से जोड़े जाने के बारे में कोई फैसला संवैधानिक पीठ ही करेगी
- कोर्ट ने कहा कि संवैधानिक पीठ ही मोबाइल नंबर और बैंक खातों को आधार कार्ड से जोड़ने से रोकने के लिए कोई अंतरिम आदेश दे सकती है
Source : News Nation Bureau