देश की सर्वोच्च अदालत ने हेट स्पीच जैसे मामलों में हीलाहवाली करने पर पुलिस को कड़ी फटकार लगाई है. सुप्रीम कोर्ट ने भड़काऊ भाषणों के मामले में सुनवाई के दौरान कहा कि ये एक 21वीं सदी है. इस सदी में एक धर्मनिरपेक्ष देश के लिए हेट स्पीच जैसी घटनाएं चौंकाने वाली है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पुलिस भड़काऊ बयान जैसे मामलों में रिपोर्ट दर्ज होने का इंतजार न करें और तुरंत कार्रवाई करे. ऐसे मामलों में अगर किसी तरह की कोई लापरवाही देखने को मिलती है तो वो कोर्ट की अवमानना समझी जाएगी. इसके साथ ही अदालत की अवमानना करने वाले अधिकारियों पर भी कार्रवाई भी की जाएगी.
किसी तरह की शिकायत का इंतजार न करे पुलिस
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हेट स्पीच जैसे मामलों में पुलिस किसी तरह की शिकायत मिलने का इंतजार न करें, बल्कि खुद उसका संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करे. यही नहीं सर्वोच्च अदालत की ओर से इस मामले में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार को नोटिस भी जारी किया गया है. मामले में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा क्या पुलिस में हेट स्पीच देने वालों के खिलाफ शिकायत भी की गई या नहीं या मामला सीधा अदालत के संज्ञान में लाया गया है. याचिकाकर्ता की ओर से उनके वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट को बताया कि पुलिस ने इस केस में कोई कार्रवाई नहीं की इसलिए ये मामला अदालत के संज्ञान में लाया गया है.
अदालत के हस्तक्षेप की मांग की गई
कोर्ट ने कपिल सिब्बल से पूछा कि क्या आपके लॉ मिनिस्टर रहते हेट स्पीच मामले में कोई कदम उठाया गया था. तब उन्होंने कहा कि बीजेपी नेता प्रवेश वर्मा अपने भाषणों में मुसलमानों के बहिष्कार की बात करते हैं, लेकिन पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी रहती है. आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें देश में मुस्लमानों के निशाना बनाए जाने की बात कहकर अदालत के हस्तक्षेप की मांग की गई थी.
Source : News Nation Bureau