सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर में जलाभिषेक के लिए आरओ के पानी का इस्तेमाल करने का आदेश दिया है। अदालत ने जलाभिषेक के लिए नए नियमों पर संतोष जताते हुए इसे लागू करने की इजाजत दी है।
कोर्ट के आदेश के अनुसार प्रति श्रद्धालु आधा लीटर जल का प्रयोग होगा, इसके साथ ही कोर्ट ने सवा लीटर पंचामृत के प्रयोग का आदेश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता और दूसरे पक्षों को आपत्ति/सुझाव के लिए 15 दिन के समय दिये हैं। इस मामले में अगली सुनवाई अब 30 नवंबर को होगी।
कमिटी के मुख्य प्रस्ताव जो तुरंत लागू होंगे :-
-प्रति श्रद्धालु 500 मिली जल।
-RO पानी का इस्तेमाल।
-प्रति श्रद्धालु 1.25 लीटर पंचामृत।
-सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट भी 1 साल में बनेगा।
-भस्म आरती के समय शिवलिंग को सूखे सूती कपड़े से ढंका जाएगा
- 5 बजे जलाभिषेक खत्म होने के बाद गर्भगृह और शिवलिंग को सुखाया जाएगा।
- शिवलिंग पर चीनी का पाउडर लगाने पर रोक। खंडसारी का इस्तेमाल होगा।
- गर्भगृह को सूखा रखने और शिवलिंग तक हवा आने देने के बंदोबस्त किए जाएंगे।
आपको बता दें कि मध्यप्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में स्थिति प्रमुख ज्योतिर्लिगों में से एक महाकाल के दर्शन के लिए हर साल लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं।
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शिवलिंग पर लगातार जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक और फलों के रस से अभिषेक होते हैं। इसके लिए बड़ी मात्रा में छोटी-बड़ी फूल मालाएं, हार, धतूरे चढ़ते हैं। ऐसे में शिवलिंग के नुकसान की बात बात सामने आई है। जिसे देखते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।
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Source : News Nation Bureau