Advertisment

निजामुद्दीन मरकज मामले में पुलिस-सरकार की भूमिका पर सवाल खड़े करने वाली अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब

जम्मू कश्मीर की वकील सुप्रिया पंडिता की ओर से दायर याचिका में केंद्र, दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है.

author-image
Sushil Kumar
New Update
supreme court

प्रतीकात्मक फोटो( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

निजामुद्दीन मरकज मामले में पुलिस और सरकार की ओर भूमिका पर सवाल खड़े करने वाली अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से जवाब मांगा है. जम्मू कश्मीर की वकील सुप्रिया पंडिता की ओर से दायर याचिका में केंद्र, दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि कोरोना के खतरे के बीच इतनी बड़ी संख्या में लोगों को मरकज में इकट्ठा होने दिया गया. जिसके चलते लाखों लोगों की जिंदगी खतरे में पड़ गई. वहीं दूसरी ओर, निजामुद्दीन मरकज केस की रिपोर्टिंग को लेकर जमीयत उलेमा-ए-हिंद की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और प्रेस काउंसिल से जवाब मांगा है.

अर्जी में आरोप लगाया गया है कि मीडिया के एक हिस्से में इस घटना को साम्प्रदयिक रंग दिया जा रहा है. कहीं न कहीं, इसके जरिये देश भर में रह रहे मुस्लिम समुदाय की बदनामी हो रही है. याचिकाकर्ता की ओर से दुष्यंत दवे ने दलील दी है कि 1995 के केबल टीवी एक्ट के तहत सांप्रदायिक तरीके से रिपोर्टिंग करने वाले चैनलों के खिलाफ सरकार कार्रवाई कर सकती है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा कि अभी तक इसे रोकने के लिए क्या कार्रवाई की गई है.

कोर्ट की टिप्पणी -लोगों को भड़काने न दिया जाए, आगे चलकर ये क़ानून व्यवस्था की समस्या बन जाती है. 2 हफ्ते बाद अगली सुनवाई होगी.

Source : Arvind Singh

Supreme Court tabligi jamaat Markaj Nizamuddin
Advertisment
Advertisment