पश्चिम बंगाल में 'रथ यात्रा' की अनुमति के लिए सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी की याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है. मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को नोटिस जारी किया था. इस मामले पर अगली सुनवाई 15 जनवरी को होगी. मंगलवार शाम तक बीजेपी राज्य सरकार को नए रथ यात्रा शेड्यूल के बारे में बताएगी. 21 दिसंबर को कलकत्ता हाई कोर्ट डिवीज़न बेंच के आदेश को चुनौती देते हुए बीजेपी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. इस फैसले में रथ यात्रा निकालने की इजाजत देने वाली एकल पीठ के फैसले को पलट दिया गया था.
बीजेपी की प्रदेश इकाई ने शीर्ष अदालत में राज्य में रैली निकालने की अनुमति को लेकर याचिका दायर की है. आम चुनाव से पहले बीजेपी पश्चिम बंगाल के 42 संसदीय क्षेत्रों से रथ यात्रा निकालना चाहती है. अपनी याचिका में बीजेपी ने कहा कि शांतिपूर्ण यात्रा के आयोजन के उनके मौलिक अधिकार की अवहेलना नहीं की जा सकती. पार्टी ने राज्य के तीन जिलों से यह यात्रा शुरू करने की योजना बनाई थी. हाई कोर्ट की खंडपीठ ने मामले पर नये सिरे से सुनवाई करने के लिए एकल पीठ को भेज दिया था और राज्य एजेंसियों की खुफिया सूचनाओं पर भी विचार करने को कहा था.
एकल न्यायाधीश वाली पीठ के आदेश के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका पर खंडपीठ ने आदेश दिया था.
बता दें कि कलकत्ता हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस देबाशीष कर गुप्ता ममता बनर्जी की पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई कर रहे थे. इसके बाद हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए बीजेपी ने सुप्रीम कोर्ट की वेकेशन बेंच का रुख किया. पहले हाई कोर्ट ने भारतीय जनता पार्टी की रथ यात्रा रैलियों को सशर्त अनुमति दे दी थी. न्यायालय ने अनुमति देते हुए कहा कि किसी भी अवांछित घटना या सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान के लिए आयोजक जिम्मेदार होंगे. सिंगल बेंच द्वारा बीजेपी को रथ यात्रा की अनुमति मिलने के बाद ममता बनर्जी सरकार ने याचिका दायर की थी.
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इससे पहले, छह दिसंबर को एकल पीठ ने भी रथ यात्रा को मंजूरी नहीं दी थी. बी़जेपी अध्यक्ष अमित शाह को उत्तर बंगाल के कूच बिहार से इस यात्रा को सात दिसंबर को हरी झंडी दिखानी थी. पहले के कार्यक्रम के मुताबिक, बीजेपी ने पश्चिम बंगाल के तीन हिस्सों में तीन रथ यात्राओं की योजना बनाई थी जो पूरे राज्य की यात्रा के बाद कोलकाता में समाप्त होनी थी.
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह 7 दिसंबर को रथ यात्रा को रवाना करने वाले थे. 9 दिसंबर को दूसरे चरण की यात्रा गंगासागर से और 14 दिसंबर को तीसरे चरण की रथ यात्रा वीरभूम जिले के तारापीठ से निकलनी थी. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रदेश में सांप्रदायिक माहौल बिगड़ने का हवाला देते हुए बीजेपी को रथ यात्रा कि अनुमति नहीं दी थी.
Source : News Nation Bureau