तमिलनाडु विधानसभा के जल्लीकट्टू पर कानून पास किए जाने के बाद इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाने से इनकार कर दिया है। हालांकि कानून को लेकर कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को नोटिस जारी कर छह हफ्तों में जवाब मांगा है।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अपने आदेश की लोगों द्वारा अवहेलना होने पर राज्य सरकार को घेरते हुए प्रदर्शन के दौरान लॉ ऐंड ऑर्डर संभाल न पाने पर लताड़ भी लगाई।
सुप्रीम कोर्ट से इस खेल को अवैध करार देने के बाद तमिलनाडु विधानसभा ने सोमवार को राज्य के लोकप्रिय पारंपरिक खेल जल्लीकट्टू को वैधता प्रदान करने वाले बिल को पारित कर दिया।
यह विधेयक अध्यादेश की जगह लेगा। जल्लीकट्टू के राज्य में सुचारु रूप से आयोजित होने के लिए शनिवार को अध्यादेश लाया गया था, जिसमें पशु क्रूरता निवारक अधिनियम में संशोधन किया गया था।
जल्लीकट्टू को कानूनी मान्यता मिलने के बाद चेन्नई पुलिस ने इसके समर्थन में हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान हंगामा मचाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है।
पुलिस ने चेन्नई में हुए हिंसक प्रदर्शन के लिए 40 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया है। चेन्नई पुलिस ने कहा है कि जल्लीकट्टू के समर्थन में हुए विरोध प्रदर्शन में कई असामाजिक तत्वों ने हिस्सा लिया था और माहौल को लगातार बिगाड़ने की कोशिश की।
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चेन्नई पुलिस कमिश्नर एस जॉर्ज के मुताबिक सोमवार सुबह कई प्रदर्शनकारी जल्लीकट्टू पर अध्यादेश आने और विधायक लाने की हो रही कवायद से संतुष्ट थे लेकिन इसी भीड़ में कुछ ऐसे तत्व थे जो लगातार प्रदर्शन जारी रखे हुए थे।
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एस जॉर्ज ने कहा, 'हमें अपनी इंटेलिजेंट विंग से मालूम हुआ है कि भीड़ में कुछ असामाजिक तत्व मौजूद थे और लगातार लोगों को भ्रमित करने की कोशिश कर रहे थे। इसी सूचना के आधार पर हमने भीड़ को तितर बितर करने की कोशिश की।'
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HIGHLIGHTS
- जल्लीकट्टू कानून पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाने से किया इंकार
- कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर छह हफ्तों में मांगा जवाब
Source : News Nation Bureau