बिल्डिंग कंपनी यूनिटेक को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। अब केंद्र सरकार यूनिटेक का टेकओवर नहीं कर पाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) के उस फैसले पर रोक लगा दी, जिसमें यूनिटेक में केंद्र को 10 निदेशक नियुक्त करने के आदेश दिए थे।
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने एनसीएलटी का रुख करने के लिए कोर्ट से माफी मांगी। यूनिटेक मैनेजमेंट पर धन के हेरफेर का आरोप लगने के बाद कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय ने कंपनी का प्रबंधन संभालने के लिए एनसीएलटी का रुख किया था।
सरकार ने करीब 20,000 घर खरीदारों और 51,000 जमाकर्ताओं जिनका कंपनी पर कुल 700 करोड़ रुपये बकाया है, के हितों की रक्षा के लिए कंपनी का प्रबंधन अपने हाथों में लेने के लिए एनसीएलटी के पास याचिका दायर की थी। एनसीएलटी ने सरकार को आदेश दिया था कि वह 20 दिसंबर को होनेवाली अगली सुनवाई के दिन निदेशकों के नामों की अनुशंसा करे।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी के निदेशकों संजय चंद्रा और अजय चंद्रा को जमानत देने के लिए यूनिटेक को दिसंबर के अंत तक 750 करोड़ रुपये जमा कराने का आदेश दिया है, जिन्हें दिल्ली पुलिस ने इस साल की शुरुआत में निवेशकों द्वारा धन लेने के बावजूद परियोजना का विकास नहीं करने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
शीर्ष अदालत में यूनिटेक के खिलाफ दिल्ली-एनसीआर में कई परियोजनाओं को समय पर पूरा नहीं करने का मामला चल रहा है।
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Source : News Nation Bureau