राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर रैली हिंसा के बाद कांग्रेस सांसद शशि थरूर और कुछ वरिष्ठ पत्रकारों के एक किसान की मौत पुलिस की गोली से होने का दावा किया था. इन लोगों अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से इस बात को ट्वीट भी किया था. इस मामले की जांच की गई तो ये मामला गलत था. जिसके बाद इन लोगों पर मामला दर्ज किया गया. मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर, वरिष्ठ पत्रकारों के साथ सभी आरोपियों को राहत देते हुए उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर पर रोक लगाई.
सुप्रीम कोर्ट ने किसानों के ट्रैक्टर मार्च के दौरान भ्रामक ट्वीट/ पोस्ट करने के मामले में कई राज्यों में दर्ज की गई प्राथमिकियों पर रोक लगाने का आदेश दे दिया है. आपको बता दें कि इन प्राथमिकियों को रद्द करने की मांग को लेकर नोटिस जारी की गई है. अब सुप्रीम कोर्ट इस मामले में 2 सप्ताह बाद सुनवाई करेगा. किसान आंदोलन से सम्बंधित पोस्ट्स के कारण निशाना बनाए गए कांग्रेस नेता शशि थरूर के साथ कुछ वरिष्ठ पत्रकारों ने उन पर दर्ज किए गए मुकदमों को रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की शरण में जा पहुंचे थे जहां सर्वोच्च न्यायाल ने उन्हें राहत देते हुए उन लोगों पर दर्ज प्राथमिकियों को रद्द किए जाने का आदेश दे दिया. जिससे इन लोगों की गिरफ्तारियों पर भी रोक लग गई.
Supreme Court stays arrest of Congress leader Shashi Tharoor, & senior journalists, while hearing the petition challenging registration of multiple FIRs against them for allegedly sharing certain unconfirmed news on death of a protester, during the tractor rally on Republic Day. pic.twitter.com/DAv5Jy7uIp
— ANI (@ANI) February 9, 2021
ये था पूरा मामला
आपको बता दें कि दिल्ली में 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के सिलसिले में नोएडा पुलिस ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर एवं छह पत्रकारों समेत आठ लोगों के खिलाफ राजद्रोह एवं अन्य आरोपों में मामला दर्ज किया था. नोएडा के सेक्टर 20 थाने में यह मामला एक समाजसेवी की शिकायत पर दर्ज कराया गया था.
इन लोगोंं ने 26 जनवरी को किसान आंदोलन की अपुष्ट खबरों का समर्थन किया था
आपको बता दें कि इस शिकायत में आरोप लगाया गया था कि इन लोगों ने 26 जनवरी को दिल्ली में हिंसक किसान प्रदर्शन से संबंधित अपुष्ट खबरें चलाईं तथा ट्वीट किए. पुलिस उपायुक्त (जोन प्रथम) राजेश एस ने बताया था कि अर्पित मिश्रा नामक समाजसेवी ने थाना सेक्टर 20 में रिपोर्ट दर्ज कराई. उन्होंने कहा था कि प्राथमिकी में राजदीप सरदेसाई, मृणाल पांडे, जफर आगा, परेशनाथ, अनंतनाथ तथा विनोद के जोस सहित आठ लोगों के नाम हैं.
HIGHLIGHTS
- शशि थरूर सहित वरिष्ठ पत्रकारों को राहत
- सुप्रीम कोर्ट ने लगाई गिरफ्तारी पर रोक
- दिल्ली हिंसा के दौरान अपुष्ट खबरों का किया था समर्थन
Source : News Nation Bureau