Advertisment

नेशनल हेराल्‍ड केस : हेराल्‍ड हाऊस को खाली करने के दिल्‍ली हाई कोर्ट के फैसले पर SC की रोक

नेशनल हेराल्‍ड केस : हेराल्‍ड हाऊस को खाली करने के दिल्‍ली हाई कोर्ट के फैसले पर SC की रोक

author-image
Sunil Mishra
एडिट
New Update
नेशनल हेराल्‍ड केस : हेराल्‍ड हाऊस को खाली करने के दिल्‍ली हाई कोर्ट के फैसले पर SC की रोक

हेराल्ड हाउस (फाइल फोटो)

Advertisment

नेशनल हेराल्ड केस (Nation Herald Case) में सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस को बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने शुक्रवार को हेराल्‍ड हाऊस (Herald House) को खाली करने के दिल्‍ली हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने नेशनल हेराल्ड अखबार की प्रकाशक कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. केंद्र को चार हफ्तों में अपना जवाब दाखिल करना पड़ेगा. बता दें कि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) ने दिल्ली हाईकोर्ट के हेराल्ड हाउस खाली करने के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.

यह भी पढ़ें- EC ने योगी आदित्यनाथ के बाद अब इस केंद्रीय मंत्री को भेजा नोटिस, जानिए क्यों ?

28 फरवरी को दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने लीज की शर्तें तोड़ने का दोषी पाते हुए AJL को दिल्ली के आईटीओ स्थित हेराल्ड हाउस खाली करने का आदेश दिया था. इससे पहले केंद्र सरकार ने 30 अक्टूबर 2018 को AJL की 56 साल पुरानी लीज समाप्त होने पर परिसर खाली करने को कहा था. केंद्र के इस फैसले के खिलाफ AJL ने दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया था. लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट की सिंगल और डबल बेंच ने एसोसिएट जनरल्स की याचिका खारिज कर दी थी.

यह भी पढ़ें- महागठबंधन में दोबारा आना चाहते थे नीतीश कुमार, लालू प्रसाद से इतनी बार मिले थे PK, पढ़ें पूरी खबर

हालांकि AJL ने कोर्ट में अपने बचाव में कहा था कि हेराल्ड हाउस को खाली कराने का फैसला पूरी तरह से राजनीतिक से प्रेरित है और केंद्र सरकार ने अपनी मनमानी से लीज को रद्द किया. इसके बाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायमूर्ति वी के राव की खंडपीठ ने AJL को आईटीओ के बहादुर शाह जफर मार्ग पर स्थित इमारत को खाली करने का निर्देश दिया था.

यह भी पढ़ें- भारत सरकार ने किया था पाकिस्‍तान के F-16 को मार गिराने का दावा पर इस मैगजीन की रिपोर्ट तो कुछ और ही बता रही

क्या है मामला 

नेशनल हेराल्ड अखबार की शुरुआत 1938 में जवाहर लाल नेहरू ने की थी. साल 2008 में अखबार को कर्ज में होने के कारण बंद करना पड़ा था. कांग्रेस ने 2010 में 5 लाख रुपये की पूंजी लगाकर यंग इंडिया प्राइवेट कंपनी बनाई जिसमें राहुल गांधी और सोनिया गांधी की हिस्सेदारी 38-38 फीसदी थी. वहीं बांकी की 12-12 फीसदी हिस्सेदारी कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीज के पास थी. कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगा कि पार्टी ने बिना किसी ब्याज के एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड कंपनी को 90 करोड़ रुपये का कर्ज दिया था. वहीं यंग इंडिया ने नेशनल हेराल्ड की संपत्ति को सिर्फ 50 लाख रुपये में खरीद ली थी जिसकी कीमत करीब 1600 करोड़ रुपये थी. बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने पटियाला हाउस कोर्ट में नेशनल हेराल्ड मामले में शिकायत दर्ज कराई थी.

Source : News Nation Bureau

congress Supreme Court Delhi High Court National Herald Case AJL National Herald Herald House ajl case
Advertisment
Advertisment
Advertisment