सुप्रीम कोर्ट अयोध्या मामले की जल्द सुनवाई के लिए डाली गई एक जनहित याचिका पर 4 जनवरी 2019 को सुनवाई करेगा. इस याचिका में सुप्रीम कोर्ट द्वारा मामले पर फैसले में देरी पर सवाल खड़े किए गए हैं और साथ ही इस मामले की जल्दी और समयबद्ध तरीके से सुनवाई की मांग की गई है. बता दें कि अयोध्या विवाद में सुनवाई पर भी अगली तारीख भी जनवरी में ही तय होगी. इससे पहले 29 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी 2019 में सुनवाई करने का फैसला किया था. कोर्ट ने कहा था कि मामले को किसी उचित पीठ के लिए सूचीबद्ध कर दिया जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट ने अंतिम सुनवाई में अयोध्या विवाद (राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद) मामले की सुनवाई के लिए किसी उचित पीठ के लिए सूचीबद्ध करने का आदेश दिया था और यह उचित पीठ इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा विवादित स्थल को तीन भागों में बांटने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के लिए जनवरी 2019 में तारीख तय करेगी.
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस के एम जोसेफ की पीठ ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के 2010 में अयोध्या की विवादित जमीन के तीन भाग करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला दिया था.
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 2010 के अपने फैसले में विवादित स्थल को तीन भागों- रामलला, निर्मोही अखाड़ा और मुस्लिम पक्षकारों में बांटा दिया था. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा था, 'हमारी अपनी प्राथमिकताएं हैं. मामला जनवरी, फरवरी या मार्च में कब आएगा, यह फैसला उचित पीठ को करना होगा.'
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मामले को जनवरी के लिए सूचीबद्ध किए जाने से इसकी सुनवाई कुछ महीने लंबी खिंच सकती है, क्योंकि देश में अप्रैल-मई 2019 में लोकसभा चुनाव होने हैं. हालांकि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस), विश्व हिंदू परिषद (विहिप), शिवसेना और अन्य संगठन बीजेपी सरकार पर राम मंदिर निर्माण को लेकर अध्यादेश लाने का लगातार दबाव बना रहे हैं.
Source : News Nation Bureau