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बहुविवाह और 'निकाह हलाला' मामले में सुप्रीम कोर्ट 26 मार्च को करेगा सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने नफीसा खान द्वारा बहुविवाह और निकाह हलाला को असंवैधानिक करार दिए जाने की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की मांग को स्वीकार कर लिया है।

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vineet kumar1
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पाकिस्‍तान की कंगाली में आटा गीला, अब निकाह करना भी हुआ मुश्‍किल

प्रतीकात्मक चित्र

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सुप्रीम कोर्ट ने नफीसा खान द्वारा बहुविवाह और निकाह हलाला को असंवैधानिक करार दिए जाने की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की मांग को स्वीकार कर लिया है।

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट 26 मार्च को सुनवाई करेगा।

दिल्ली की रहने वाली नफीसा खान द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरीयत) के अधिनियम 1937 की धारा 2 को संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 21 और 25 का उल्लंघन करने वाला घोषित करते हुए असंवैधानिक करार दिया जाए।

बता दें कि इससे पहले बीजेपी नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय और तीन तलाक केस में याचिकाकर्ता सायरा बानो ने 5 मार्च को एक जनहित याचिका दायर की थी जिसमें बहुविवाह और हलाला को असंवैधानिक करार देने की मांग की थी।

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इसके अलावा, जनहित याचिका में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 375 के तहत 'निकाह हलाला' को बलात्कार, और बहुविवाह को आईपीसी की धारा 494 और 498 के तहत अपराध घोषित कर असंवैधानिक करार दिया जाए।

क्या है निकाह हलाला

निकाह हलाला के तहत अगर पति ने किसी कारणवश अपनी पत्नी को तीन तलाक़ दे दिया और बाद में दोबारा से शादी करने की इच्छा ज़ाहिर की तो इसके लिए उस औरत को किसी ग़ैर मर्द से शादी करनी होगी और शारीरिक संबंध बनाना होगा।

बाद में महिला अपने नए पति को तलाक़ देगी और फिर अपने पहले पति से शादी कर पाएगी। वहीं बहुविवाह एक ही समय में एक से अधिक पत्नी रखने की प्रथा है।

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Source : News Nation Bureau

Supreme Court Nafisa Khan nikah-halala Ashwini Upadhyay
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