अग्निपथ योजना के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court of India) सुनवाई कर रहा है. इन याचिकाओं में अग्निपथ योजना को रोकने की मांग की गई है. अग्निपथ योजना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में तीन याचिकाएं दाखिल की गई हैं, जिनमें इस योजना पर फिलहाल रोक लगाने की मांग की गई. याचिकाकर्ताओं ने ये भी मांग की है कि जो सेना की नौकरी पाने की प्रक्रिया में हैं उन पर ये योजना लागू नहीं की जानी चाहिए. इस बीच केंद्र सरकार ने कैविएट दाखिल करते हुए सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि वो सरकार का भी पक्ष सुने, इसके बाद ही कोई फैसला सुनाएं.
सुप्रीम कोर्ट में तीन याचिकाएं
अग्निपथ योजना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जो 3 याचिकाएं दाखिल हुई हैं, वो मनोहर लाल शर्मा, हर्ष अजय सिंह और रवींद्र सिंह शेखावत की तरफ हैं. इन याचिकाओं में मुख्य मांग अग्निपथ योजना लागू न करने की है. इसके अलावा जो पहले से ही सैन्य बलों की नौकरी पाने की प्रक्रिया में हैं. उन्हें 4 साल की बजाए पुराने हिसाब से सर्विस देने की बात है.
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केंद्र सरकार ने दाखिल किया है कैविएट
सुप्रीम कोर्ट में यह मामला जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, सूर्यकांत और ए एस बोपन्ना की 3 सदस्यीय बेंच के सामने सुनवाई के लिए लगा हुआ है. अग्निपथ के खिलाफ अलग-अलग दाखिल याचिकाओं के मद्देनजर केंद्र सरकार की तरफ से भी कैविएट दाखिल किया जा चुका है. ऐसे में बिना सरकार के पक्ष को सुने मामले में कोर्ट की तरफ से फैसला नहीं आ सकता है. अब इस मामले में एकतरफा आदेश नहीं आएगा, बल्कि दोनों ही पक्ष अपनी बातों को रखेंगे.
HIGHLIGHTS
- अग्निपथ पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
- तीन याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई
- केंद्र सरकार ने दाखिल किया कैविएट