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सुप्रीम कोर्ट में राफेल डील की पुनर्विचार याचिकाओं पर आज होगी सुनवाई

पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने जनवरी में राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के मामले में सरकार को क्लीन चिट दिए जाने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट से पुनर्विचार की मांग करते हुए याचिका दायर की थी.

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nitu pandey
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सुप्रीम कोर्ट में राफेल डील की पुनर्विचार याचिकाओं पर आज होगी सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट में राफेल डील की पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई

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राफेल डील पर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई बुधवार यानी आज होगी. पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने जनवरी में राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के मामले में सरकार को क्लीन चिट दिए जाने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट से पुनर्विचार की मांग करते हुए याचिका दायर की थी. इस मामले में पहले फैसला दे चुके तीन जज, चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस केएम जोसफ और संजय किशन कौल सुनवाई करेंगे.

सुप्रीम कोर्ट बीते 26 फरवरी को इस पुनर्विचार याचिका और अन्य याचिकाओं पर सुनवाई के लिए राजी हुआ था. यह सुनवाई खुली अदालत में होगी. वकील प्रशांत भूषण ने कोर्ट से जल्द सुनवाई का आग्रह किया था.

14 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को दिया था क्लीन चिट
शीर्ष अदालत ने 14 दिसबंर के अपने फैसले में फ्रांस से खरीदे जाने वाले 36 राफेल विमानों की खरीद के सौदे में जांच की मांग को खारिज कर दिया था और सरकार को क्लीन चिट देते हुए कहा था कि इस सौदे की प्रक्रिया में कुछ भी संदेहजनक नहीं है.

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कोर्ट ने कहा था कि राफेल विमानों की कीमत और राफेल विनिर्माण कंपनी दसॉ द्वारा ऑफसेट साझेदार चुनने की उनकी पसंद पर सवाल करना अदालत का काम नहीं है और पीठ को इस मामले में कुछ भी संदेहजनक नहीं लगा.

कैग की रिपोर्ट आने पर फिर से याचिका दायर की गई
पिछले महीने राफेल डील पर भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) रिपोर्ट आने के बाद भारत सरकार के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए इन्हीं तीनों ने एक और याचिका दायर की थी. याचिका में कहा गया था कि अधिकारियों ने कोर्ट के सामने सीलबंद लिफाफे में राफेल डील पर गलत और भ्रामक जानकारी दी थी और इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए जाएं.

याचिका में कहा गया है कि सरकार ने जानकारियों को छुपाया
कैग द्वारा राफेल पर सौंपे गए रिपोर्ट और मीडिया रिपोर्ट के आधार पर दाखिल इस याचिका में सरकार द्वारा कोर्ट को सौंपी गई 'गलत तथ्यों' की जानकारी भी दी गई थी. याचिका में कहा गया था कि सरकार द्वारा जानकारियों को छुपाया जाना कोर्ट को पूरी तरह तथ्यों से दूर करना है और जिसके कारण इस मामले में दाखिल जनहित याचिकाएं खारिज हुई थी.
सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार द्वारा हस्ताक्षरित राफेल लड़ाकू विमान सौदे की कीमत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार द्वारा प्रस्तावित कीमत से 2.86 फीसदी कम है.

कैग की रिपोर्ट में एनडीए सरकार द्वारा साइन की गई डील में 36 राफेल लड़ाकू विमानों के वास्तविक मूल्य का खुलासा नहीं किया गया है. हालांकि, रिपोर्ट में कीमत की जांच शामिल है.

Source : News Nation Bureau

Supreme Court Rafale review petition Rafale Fighter Former Union Minister Yashwant Sinha Arun Shourie and senior lawyer Prashant Bhushan
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