वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (Corona Virus) ने देश में कहर ढा रखा है. देश में कोविड संक्रमण से बिगड़ते हालात पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने स्वत: संज्ञान लिया है. सुप्रीम कोर्ट ने 4 बिंदुओं पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है और पूछा है कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए उनकी क्या योजना है. साथ ही कोर्ट ने कहा कि इस पर स्पष्ट राष्ट्रीय योजना की जरूरत है. सुप्रीम कोर्ट ने अपनी सहायता के लिए हरीश साल्वे को एमिकस क्यूरी नियुक्त किया है. शुक्रवार को एक बार फिर इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा.
यह भी पढ़ें: 1 मई से वैक्सीन का अगला चरण, शनिवार से CoWin पर शुरू होगा युवाओं का रजिस्ट्रेशन
सुप्रीम कोर्ट ने जिन 4 बिंदुओं पर सरकार से जवाब मांगा है, उनमें ऑक्सीजन की आपूर्ति, आवश्यक दवाइयों की आपूर्ति, वैक्सिनेशन का तरीका और राज्य में लॉकडाउन (Lockdown) का फैसला कौन लेगा, ये शामिल है. केंद्र सरकार से कोर्ट ने कहा कि वह कोरोना से लड़ने के लिए अपनी राष्ट्रीय स्तर पर तैयार की गई योजना के बारे में बताए.
वैसे इस समय देश के 6 हाईकोर्ट इस मसले पर सुनवाई कर रहे हैं. इनमें दिल्ली, बॉम्बे, सिक्किम, एमपी, कलकत्ता और इलाहाबाद हाईकोर्ट शामिल है. सुप्रीम कोर्ट ने संकेत दिया है कि सुनवाई के कुछ बिंदु वह अपने पास ट्रांसफर कर सकता है. फिलहाल हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई पर रोक नहीं है.
यह भी पढ़ें: सतेंद्र जैन बोले- नहीं बढ़ेगा लॉकडाउन, ऑक्सीजन संकट दूर हुआ तो बड़ी संख्या में उपलब्ध होंगे बेड
हालांकि आपको बता दें कि वैसे दिल्ली हाईकोर्ट इस मसले लर सख्त रुख अख्तियार कर चुका है. दिल्ली हाईकोर्ट ने कल रात मैक्स हॉस्पिटल की पर्याप्त ऑक्सीजन की सप्लाई की मांग पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को ऑक्सीजन सप्लाई के तुरंत जरूरी कदम उठाने को कहा था. उसके बाद कल रात हॉस्पिटल में ऑक्सीजन पहुंची थी.
गौरतलब है कि भारत में कोरोना ने सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए हैं. पिछले 24 घंटों में 3,14,835 कोविड-19 के नए मामले सामने आए, जो पिछले साल महामारी की शुरूआत के बाद से सबसे बड़ा आंकड़ा है, इसी के साथ कुल मामले 1,59,30,965 हो गये हैं. 15 अप्रैल से भारत में लगातार 2 लाख से अधिक नये मामले सामने आ रहे हैं. इस बीच, वायरस के कारण 2,104 और लोगों की मृत्यु हो गई, जिसके बाद मरने वालों की कुल संख्या 1,84,657 हो गई.
HIGHLIGHTS
- कोरोना संकट पर सुप्रीम कोर्ट हुआ सख्त
- बिगड़े हालातों पर स्वत: लिया संज्ञान
- केंद्र सरकार को भेजा नोटिस, मांगा जवाब