तीन तलाक मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले का स्वागत करते हुए याचिकाकर्ता शायरा बानो ने खुशी जाहिर की है। इस लड़ाई में शायरा बानो ने अपने ही समुदाय के लोगों की आलोचनाओं और विरोध को झेला है।
आखिरकार कानून की इस लड़ाई में उनकी जीत हुई और सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक प्रथा को बैन कर दिया है।
शायरा बानो और उनके जज़्बे की कहानी
उत्तराखंड के काशीपुर में रहने वाली शायरा बानो को उसके पति ने तलाक दे दिया था। शायरा बानो का निकाह साल 2002 में इलाहाबाद के रिजवान अहमद से हुआ था।
शादी के बाद उन्हें ससुराल वालों ने दहेज के लिए प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। इसे शायरा बानो झेलती रही, लेकिन उसके बाद पति रिजवान द्वारा तलाक दिए जाने के बाद उन्होेंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
शायरा बानो ने अपने पति पर नशीली दवाएं देकर अपनी याददाश्त कमजोर करने तक का आरोप लगाया था। रिजवान ने शायरा को तलाक देकर साल 2015 में मायके भेज दिया था।
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में शायरा बानो ने अपील की और अपने पति पर आरोप लगाते हुए बताया कि उनके शौहर रिजवान अहमद ने सात बार उनकी मर्जी के खिलाफ गर्भपात करवाया था।
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तीन तलाक को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने वाली 37 साल की शायरा बानो ने बताया कि उनके दोनों बच्चे उसके शौहर रिजवान के पास रहते हैं। उनका कहना है कि वह अपने बच्चों के साथ रहना चाहती है और न्याय लेकर अपनी जिंदगी आराम से अपने बच्चों के साथ जीना चाहती है।
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HIGHLIGHTS
- शायरा का शौहर उससे लगातार दहेज की मांग करते हुए उससे आए दिन मारपीट करता था
- आने वाली पीढ़ियों को इसका खामियाजा न भुगतना पड़े इसलिए मैंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया: शायरा
Source : News Nation Bureau